अब आसान होगी रोजगार की तलाश

पिछड़े जिलों में शामिल चंबा के किसी भी क्षेत्र में रह रहे असंगठित मजदूरों का अब लेबर कार्ड बनेगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 07:18 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 07:18 PM (IST)
अब आसान होगी रोजगार की तलाश
अब आसान होगी रोजगार की तलाश

जागरण संवाददाता, चंबा : पिछड़े जिलों में शामिल चंबा के किसी भी क्षेत्र में रह रहे असंगठित मजदूरों का अब लेबर कार्ड बनेगा। इस कार्ड से उन्हें रोजगार की तलाश में आसानी होगी। कोरोना को लेकर लगाए गए लाकडाउन का जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। गरीब श्रमिक वर्ग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसके मद्देनजर सरकार ने अन्य राज्यों के श्रमिकों का डाटा कलेक्शन शुरू कर दिया है। इसके तहत अन्य राज्यों के श्रमिकों को स्वयं को पंजीकृत करवाना होगा।

श्रमिकों को एक विशेष आइडी मिलेगी। यह आइडी उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करेगी। चंबा जिला में बुधवार से इस योजना को शुरू कर दिया गया है। पहले दिन चंबा जिला के कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) में 50 श्रमिकों ने लेबर कार्ड बनवाया है। कामन सर्विस सेंटर चंबा के जिला प्रबंधक काकू कपूर ने बताया कि 60 साल की आयु तक वाले हर असंगठित मजदूर का यूनीक लेबर कार्ड बनेगा। इसके लिए जिले के सभी 290 सक्रिय सीएससी संचालकों को वर्चुअल प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। श्रमिकों के डाटा कलेक्शन व यूनीक आइडी का कार्य निश्चित रूप से श्रमिक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण होगा। आयकर, आइटीआर और ईपीएफओ खाताधारकों का इस योजना के तहत कार्ड नहीं बनेगा। असंगठित क्षेत्र वह है जिसमें श्रमिक केवल अपने मेहनताने अथवा मजदूरी का ही हकदार होता है, उसके काम का दिन, समय आदि कुछ निश्चित नहीं होता है। ऐसे क्षेत्रों में निर्माण कार्य, छोटी फैक्ट्रियां, कृषि क्षेत्र व दुकानें शामिल हैं।

--------- ऐसे बनेगा कार्ड

यूनीक लेबर कार्ड बनवाने के लिए मजदूरों को आधार कार्ड, बैंक पास बुक और खुद का मोबाइल फोन नंबर लेकर सीएससी सेंटर जाना होगा। उन्हें शैक्षणिक प्रमाणपत्र व आय का सर्टिफिकेट भी देना होगा। सीएससी संचालक मोबाइल फोन के ओटीपी, अंगुली के निशान और आंखों का सत्यापन करने के एक घंटे बाद लेबर कार्ड उपलब्ध करा देगा। डाटाबेस से बनेंगी नई योजनाएं

कामगारों के यूनीक आइडी कार्ड के आधार पर पता लग सकेगा कि कितने कामगार असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। इस डाटाबेस के आधार पर सरकार नई योजनाएं व नीति बनाएगी जिसका कामगारों को फायदा मिलेगा। इसके लिए जरूरी है कि कामगार असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहा हो। वह ईपीएफ या ईएसआइ का सदस्य न हो। वह आयकर के दायरे में नहीं होना चाहिए।

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