कम बारिश व बर्फबारी से 30 फीसद सेब की फसल प्रभावित

फल उत्पादन में जिला चंबा भी काफी अग्रणी है, जिससे बागवान अपनी आर्थिकी सुदृ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Feb 2018 03:01 AM (IST) Updated:Mon, 26 Feb 2018 03:01 AM (IST)
कम बारिश व बर्फबारी से 30 फीसद सेब की फसल प्रभावित
कम बारिश व बर्फबारी से 30 फीसद सेब की फसल प्रभावित

संवाद सहयोगी, चंबा : फल उत्पादन में जिला चंबा भी काफी अग्रणी है, जिससे बागवान अपनी आर्थिकी सुदृड़ कर रहे हैं। लेकिन इस बार पर्याप्त बारिश व बर्फबारी न होना ¨चता का विषय बना हुआ है। इससे जिलेभर में सेब की करीब 30 फीसद फसल प्रभावित हुई है। हालांकि, शनिवार को हुई बारिश व बर्फबारी से कुछ हद तक राहत जरूर मिली है, लेकिन अभी और बर्फबारी होना जरूरी है। सेब के अलावा चंबा में अन्य फलों का उत्पादन भी बागवानों द्वारा किया जाता है। वहीं, मधुमक्खी पालन भी लोगों के लिए बेहतर आमदनी दे सकता है। विभाग की योजनाओं के तहत लोगों को सबसिडी भी प्रदान की जाती है, ताकि वे अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकें। दैनिक जागरण ने विभाग के कार्यो पर उद्यान विभाग चंबा के उपनिदेशक केएल शर्मा से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश।

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सवाल : इस बार जिला में कम बारिश व बर्फबारी हुई है। इसका सेब सहित अन्य फलों के उत्पादन पर कितना असर पड़ेगा।

जवाब : इस बार पर्याप्त बर्फबारी व बारिश न होना ¨चता का विषय है। इससे करीब 30 फीसद सेब की फसल प्रभावित हुई है। हालांकि, शनिवार शाम व रात के समय पहाड़ों पर बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश हुई है। इससे जरूर बागवानों व किसानों को जरूर राहत मिली है। यदि शनिवार को बारिश व बर्फबारी नहीं होती तो यह काफी नुकसानदेय साबित हो सकता था। पर्याप्त बर्फबारी न होने से सेब की पैदावार पर असर पड़ने वाला है।

सवाल : उद्यान विभाग में स्टाफ की काफी कमी है। इस कमी को पूरा क्यों नहीं किया जा रहा है।

जवाब : विभाग में स्टाफ की काफी कमी चल रही है। स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। स्टाफ न होने के कारण विभाग की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद विभाग का प्रयास रहता है कि सभी लोगों तक विभाग की योजनाओं को पहुंचाया जा सके।

सवाल : चंबा में मधुमक्खी पालन की तरफ लोगों का कैसा रुझान है।

जवाब : मधुमक्खी पालन एक बेहतर व्यवसाय है। लोग इस व्यवसाय को अपना कर अच्छी आर्थिकी कर सकते हैं, लेकिन चंबा में अभी इस व्यवसाय में काफी कम लोग हैं। नियमित रूप से करीब 20 लोग कार्य कर रहे हैं। जबकि, शौकिया तौर पर भी करीब सौ तक लोग इससे जुड़े हुए हैं। विभाग द्वारा लोगों को प्रेरित करने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है, ताकि वे इस व्यवसाय को अपनाकर अपने परिवार की आर्थिकी को मजबूत बना सकें।

सवाल : क्या कारण हैं कि जिला में बहुत कम लोग ही मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से जुड़े हैं।

जवाब : चंबा के सफेद शहद की काफी डिमांड है, लेकिन इसका उत्पादन वर्तमान समय में कम हो गया है। इसका कारण झाड़ीनुमा पौधा छिछड़ी का कम होना है। यदि इस पौधे को अधिक से अधिक स्थानों पर लगाया जाए, तो इससे सफेद शहद का उत्पादन अधिक हो सकता है। लोगों को इसके प्रति जागरूक होने के आवश्यकता है।

सवाल : जिला में ओलावृष्टि से फसल को बचाने के लिए विभाग क्या कर रहा है।

जवाब : यह एक बहुत बड़ी समस्या है। बागवानों को इससे काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इससे बचने के लिए विभाग द्वारा ओलावृष्टि अवरोधक जाली उपलब्ध करवाई जाती है। लोग इस संबंध में विभाग से अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।

सवाल : फल विधायन केंद्र राजपुरा में क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

जवाब : इसमें किसानों व बागवानों को फल विधायक पर प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण फलों व सब्जियों से उत्पाद बनाए जाने पर दिया जाता है। किसानों व बागवानों को इससे काफी लाभ मिल रहा है। इसके अलावा इसमें कम्युनिटी कै¨नग सर्विस भी प्रदान की जाती है। इसके लिए लोगों को सब्जियां, फल व अन्य सामान उपलब्ध करवाना होता है, जिसके बाद कुछ जरूरी सामान यहां से भी इस्तेमाल किया जाता है। टोमेटो कैचअप, फलों का जूस, अचार, मुरब्बा सहित अन्य चीजें बनाई जाती हैं।

सवाल : बागवानों की शंकाओं को सुलझाने के लिए विभाग किस प्रकार कार्य कर रहा है।

जवाब : बागवान विभाग के पास अपनी शंकाएं लेकर आते हैं, जिनका मौके पर निपटारा कर दिया जाता है। बागवानों की समस्याओं का हल करना ही प्राथमिकता है। जिला के लिए जो भी योजनाएं विभाग के पास आती हैं उन्हें जल्द लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य रहता है।

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