ुपैदल पुल के महज बदले जा रहे फट्टें

संवाद सहयोगी पांगी उपमंडल पांगी को जनजातीय उप-योजनाओं के अंतर्गत हर साल विकास के लिए स

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 06:47 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 06:47 PM (IST)
ुपैदल पुल के महज बदले जा रहे फट्टें
ुपैदल पुल के महज बदले जा रहे फट्टें

संवाद सहयोगी, पांगी : उपमंडल पांगी को जनजातीय उप-योजनाओं के अंतर्गत हर साल विकास के लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपये का बजट दिया जाता है। बावजूद इसके जिला चंबा के जनजातीय उपमंडल पांगी में विकास के नाम पर लीपापोती में ही पैसा खर्च कर लोगों की परेशानी को बढ़ाया जा रहा है। ऐसा ही मामला वनमंडल पांगी के वन-परिक्षेत्र पुरथी के अधीन आने वाले छऊ नाले में सामने आया है। यह पर बनाए जाने वाले पैदल पुल के निर्माण कार्य में अनियमितताएं बरती जा रही हैं। यह पुल काफी पुराना है यहां कोई अनहोनी न हो, इसको देखते हुए स्थानीय लोगों ने सरकार व विधायक से नए पुल का निर्माण करवाने की मांग की थी। इस पर सरकार ने वन विभाग को बजट देकर पुल निर्माण का आदेश दिया था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग की ओर से पुल के ऊपर के फट्टे बदले जा रहे हैं, जबकि, इसका अन्य ढांचा वैसे ही है। पुल के अवाटमेंट और बीम जर्जर हालत में है। ऐसे में खाली फट्टे बदलने से कोई भी लाभ नहीं होने वाला है। यह पुल रेई पंचायत, पुरथी पंचातय के छऊ और थांदल गांव को आपस में जोड़ता है। दोनों पंचायतों के लोगों की आवाजाही और जरूरी सामान ले जाने का एक मात्र रास्ता इसी पुल के माध्यम से जुड़ता है।

स्थानीय लोगों सुरेंद्र, पारस, विजय, शाम सिंह, बंगा राम, किशन लाल, सतीश, देवी सिंह, बुद्धिराम , सुनिराम, शंभू राम, केवल राम, विशंबर लाल, जीत सिंह तथा कांशीराम सहित अन्य लोगों का कहना है कि सरकार ने वन विभाग को पुल निर्माण के लिए लाखों रुपये का बजट दिया हुआ है, लेकिन, वन विभाग ने अपने किसी चहेते को फायदा देने के उद्देश्य से पुल की अवाटमेंट और बीम पुराने ही रखवाए और ऊपर से ही इसके फट्टें बदले जा रहे हैं। पुल के अवाटमेंट में दरार आ चुकी है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पुल के निर्माण कार्य को रुकवाया जाए और इसका निर्माण नए सिरे से करवाया जाए। ग्रामीणों ने वनमंत्री और स्थानीय विधायक से मांग की है कि वन विभाग को पुल का निर्माण कार्य नए सिरे से करवाने के आदेश दें। अन्यथा उन्होंने न्यायालय के शरण में जाना पड़ सकता है। छऊ नाले पर बनाए जाने वाले पुल की जानकारी तो मिली है, लेकिन वहां पर दूरभाष सुविधा न होने के कारण वन रक्षक से संपर्क नहीं हो पाया है। पांगी में कार्यभार संभाले हुए बहुत कम समय हुआ है। तीन चार ऐसे मामले लोगों द्वारा ध्यान में लाए गए हैं, जिनकी जांच की जाएगी तथा दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

सुशील गुलेरिया, वनमंडल अधिकारी पांगी। उक्त पुल की मरम्मत के लिए एक लाख रुपये का बजट आया था।। उससे फट्टे और रेलिग ही बदली गई है। इससे वॉर्टमेंट नहीं बन सकती थी। इसको नए सिरे से तैयार करने के लिए विभाग प्राकलन तैयार कर पैसा मांगेगा। पुल की रेलिग और फट्टे टूट चुके थे, इसलिए इनको बदलना जरूरी था।

पुरथी मंजीत, वन परिक्षेत्र अधिकारी पांगी।

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