डॉक्टर साहब! अब नहीं चलेगी पर्ची पर मनमानी

मेडिकल कॉलेज चंबा में अब चिकित्सक पर्ची पर अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 04:34 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 04:34 AM (IST)
डॉक्टर साहब! अब नहीं चलेगी पर्ची पर मनमानी
डॉक्टर साहब! अब नहीं चलेगी पर्ची पर मनमानी

जागरण संवाददाता, चंबा : मेडिकल कॉलेज चंबा में अब चिकित्सक पर्ची पर अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। कॉलेज प्रबंधन ने अब चिकित्सकों की ओर से लिखी गई पर्चियों का ऑडिट करने का निर्णय लिया है। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने एक योजना भी तैयार कर ली है। इसके मुताबिक मेडिकल कॉलेज परिसर में एक फोटोस्टेट मशीन स्थापित की जाएगी। इस मशीन के संचालन के लिए एक कर्मचारी को तैनात किया जाएगा जो रोजाना सभी ओपीडी से आने वाली पर्चियों की फोटोस्टेट कर सभी चिकित्सकों की अलग-अलग फाइल बनाएगा जिसका हर 15 दिन बाद मेडिकल कॉलेज प्राचार्य की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी द्वारा ऑडिट किया जाएगा। ऑडिट में खामियां पाए जाने पर संबधित चिकित्सक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई में होगी। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पास कई महीने से चिकित्सकों की ओर से निजी लैब में टेस्ट करवाने के साथ ब्रांडेड दवाएं लिखने की शिकायत पहुंच रही हैं, इस मसले पर कॉलेज प्रबंधन ने अब यह निर्णय लिया है।

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यह फर्क है ब्रांडेड व जेनेरिक दवा में

ब्रांडेड दवा किसी ब्रांड नाम से बाजार में उपलब्ध करवाई जाती है। उदाहरण के तौर पर बुखार की दवा पैरासिटामोल अगर इसी नाम से बाजार में आए, तो यह जेनेरिक दवा कहलाएगी। बुखार की दवा क्रोसीन ब्रांडेड दवा की श्रेणी में आती है। बेशक दोनों दवाएं बुखार ठीक करने के लिए ही हैं।

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केमिस्ट भी करते हैं मनमर्जी

कई डाक्टर भी जेनेरिक दवाएं लिखना पसंद नहीं करते। उनकी दलील है कि जैनरिक दवाएं लिखने पर केमिस्ट मनमर्जी करते हैं और वे उस कंपनी की दवा मरीज को देते हैं जिसमें उनका मुनाफा ज्यादा है।

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आदेश का हो रहा उल्लंघन

सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने जेनेरिक दवा लिखने के आदेश जारी किए हैं लेकिन कुछ डाक्टरों के लिए सरकारी आदेश के कोई मायने नहीं हैं। यही कारण है कि डाक्टर जेनेरिक दवा की जगह ब्रांडेड दवा के नाम पर्ची पर लिखकर मरीजों को थमा रहे हैं।

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कॉलेज प्रबंधन ने अब चिकित्सकों की पर्ची का ऑडिट करने का निर्णय लिया है। इसके लिए कॉलेज परिसर में एक फोटोस्टेट मशीन स्थापित की जाएगी जिसमें रोजाना सभी ओपीडी से आने वाली पर्चियों को फोटोस्टेट कर एक फाइल तैयार की जाएगी जिसका हर 15 दिन के बाद ऑडिट किया जाएगा। अगर ऑडिट में कोई खामी पाई गई तो संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. रमेश भारती,प्रचार्य मेडिकल कॉलेज चंबा

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