हक के लिए भटक रहा पूर्व सैनिक का परिवार, मांग रहा है इंसाफ की भीख

Ex servicemans family देश की आजादी के लिए अमूल्य योगदान देने वाले वीर सपूत का परिवार आज दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 08:51 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 08:51 AM (IST)
हक के लिए भटक रहा पूर्व सैनिक का परिवार, मांग रहा है इंसाफ की भीख
हक के लिए भटक रहा पूर्व सैनिक का परिवार, मांग रहा है इंसाफ की भीख

भदरोआ, मुकेश समराल। देश को आजाद करवाने के लिए अनेक वीर सपूतों ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों की आहुति दी बल्कि अनेक वीरों ने कई यातनाएं सहते हुए अंग्रेजी हकूमत के आगे घुटने नहीं टेके और देश को आजादी दिलाने में अमूल्य योगदान दिया। इन वीर सपूतों के बलिदानों को देखते हुए आजादी के बाद की सरकारों ने अनेक वादे किए थे और परिजनों के लिए बाकायदा सरकारी सेवा में कोटे के तहत नौकरी का प्रावधान किया था लेकिन परिजनों को सरकारी सेवा में कोटे के तहत हक पाने के लिए अब भी दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी रही हैं। 

ऐसे ही एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की दास्तां उपमंडल इंदौरा के तहत आती पंचायत गगवाल के गांव थपकौर की है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से सम्मानित आजाद हिंद फौज में शामिल रहे गांव थपकौर के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय जय सिंह हिमाचल के उन देश भक्तों में शामिल रहे, जिन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन विडंबना का विषय यह है देशभक्त का परिवार आज भी सरकारी सेवा में कोटे के तहत इंसाफ की भीख मांग रहा है।

उनके पुत्र बलवंत सिंह का कहना है कि 1918 में जन्मे उनके पिता जय सिंह युवावस्था में आजाद हिंद फौज में शामिल हुए थे। वह एक साल इटली तथा छह माह बहादुरगढ़ में देश के लिए जेल में रहे व 1982 में उनका निधन हो गया। उस समय परिवार की स्थिति बहुत खराब थी और उन्हें बहुत दुख और मुसीबतें झेलनी पड़ी उसके बाद जब भारत आजाद हुआ तो जर्यंसह को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ताम्र पत्र देकर सम्मानित किया और परिवार का पूरा ख्याल रखने का आश्वासन मिला लेकिन इतने साल बीतने

के बाद भी परिवार की आर्थिक स्थिति को किसी ने नहीं देखा। बलवंत सिंह के अनुसार एक समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र्र सिंह ने सरकारी अफसरों को निर्देश दिए थे कि उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए लेकिन सरकारी क्षेत्र में नौकरी के लिए हर दरवार की खाक छानने के बाद भी कुछ हासिल नहीं हुआ। बलवंत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि स्वतंत्रता सेनानी के परिवार का हक उन्हें दिया जाए। 

मामला प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया गया है। आशा है कि परिवार की नियमानुसार हर सम्भव सहायता होगी।

-रीता धीमान, विधायक इंदौरा 

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