मणिमहेश यात्रा के दौरान फेंका कचरा फैला रहा बदबू
सरकार द्वारा प्रदेश को स्वच्छ स्वस्थ व सुंदर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर इन योजनाओं को लागू करने में लापरवाही बरती जा रही है।
संवाद सहयोगी, भरमौर : सरकार द्वारा प्रदेश को स्वच्छ, स्वस्थ व सुंदर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर इन योजनाओं को लागू करने में लापरवाही बरती जा रही है। जनजातीय क्षेत्र भरमौर में कचरा निस्तारण के लिए भी लाखों रुपये व्यय किए गए हैं लेकिन यहां पर अव्यवस्था ऐसी है कि कचरे के ढेर यहां-वहां आसानी से देखे जा सकते हैं।
इस साल अगस्त-सितंबर माह में विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के दौरान मणिमहेश न्यास द्वारा यात्रा की व्यवस्था की गई। यात्रा के दौरान फैले कचरे के कुछ भाग को एकत्रित करके हड़सर के पास सड़क किनारे फेंक दिया गया। दो माह से यह कचरा इसी स्थान पर बदबू फैला रहा है जिस स्थान पर कूड़ा कचरा फेंका गया है, वहां से होते हुए मणिमहेश, हड़सर व कुगती स्थित मंदिर की ओर जाने वाले श्रद्धालु व पर्यटक होकर गुजरते हैं। ऐसे में कचरे से उठ रही बदबू से उनका वहां से निकलना मुश्किल हो जाता है।
हड़सर नाले के पास से मणिमहेश के लिए पैदल मार्ग निकलता है। यहां से धन्छो तक की घाटी का समूचा अवलोकन किया जा सकता है। बहुत से श्रद्धालु यहां से मणिमहेश को माथा भी टेकते हैं लेकिन सामने कचरे के ढेर व बदबू उन्हें यहां टिकने नहीं देती।
ग्राम पंचायत हड़सर व कुगति के युवकों का कहना है कि प्रशासन ने दो माह से सड़क के किनारे कचरा फैला रखा है, जिससे बहुत परेशानी है। यह देखने में काफी भद्दा लग रहा है। उन्होंने कहा कि इस कचरे को हटाने के लिए प्रशासन से कई बार बात की गई है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा है।
मालूम हो कि पिछले दो माह से कई बार स्थानीय विधायक से लेकर आला अधिकारी तक इस कचरे के ढेर के पास से गुजर चुके हैं लेकिन इसके निस्तारण की व्यवस्था करना किसी ने जरूरी नहीं समझा। ऐसे में लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी रोष है।
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इस बारे में लोक निर्माण विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उक्त कचरे से प्लास्टिक, कांच, धातु व अन्य प्रकार का कचरा पृथक किया जाना है, जिसके बाद उसे नियमानुसार ठिकाने लगाया जाएगा। अब तक इस कचरे का समाधान नहीं किया गया है तो मैं इसकी जांच कर आगामी आवश्यक कार्रवाई अमल में लाऊंगा। गंदगी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-मनीष सोनी, उपमंडलाधिकारी (ना.) भरमौर।