जिला परिषद की बैठक में गैरहाजिर रहे अधिकारी नपेंगे
जिला परिषद चंबा की वीरवार को जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में आयोजित त्रैमासिक बैठक में कई विभागों के अधिकारी गैरहाजिर रहे।
संवाद सहयोगी, चंबा : जिला परिषद चंबा की वीरवार को जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में आयोजित त्रैमासिक बैठक में कई विभागों के अधिकारी गैरहाजिर रहे। इससे खफा जिला परिषद सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। सदस्यों ने अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इस पर प्रशासन की ओर से अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही गई।
सर्वप्रथम जिला परिषद सदस्य किलोड़ वार्ड ललित ठाकुर ने अधिकारियों के अनुपस्थित होने पर नाराजगी जाहिर की और बैठक की कार्यवाही को रोककर धरने पर बैठ गए। इसके बाद अन्य जिला परिषद सदस्यों सहित जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी ने भी समर्थन जाहिर करते हुए धरना शुरू किया। सदस्यों ने जमकर नारेबाजी भी की।
सदस्यों का कहना था कि पंचायतीराज व्यवस्था के तहत चुने गए जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी से आग्रह किया कि वह अनुपस्थित अधिकारियों पर कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसा न हो।
उन्होंने कहा कि यह सामान्य बैठक हर तीन माह बाद आयोजित होती है, जिसमें जनसमस्याओं को लेकर जिले के कोने-कोने से जिला परिषद सदस्य पहुंचते हैं, ताकि उनका समाधान किया जा सके। एक ओर जहां वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित होने से गुरेज करते हैं तो वहीं कनिष्ठ अधिकारियों को बैठक में भेज देते हैं जोकि कोई भी निर्णय लेने में सक्षम नहीं होते हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अधिकारी जिले की विकास में रुचि नहीं ले रहे हैं। अधिकारियों को जिला परिषद के बैठक की सूचना पहले दी जाती है, बावजूद इसके वे नहीं बैठक में उपस्थित होना जरूरी नहीं समझते हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएं और उचित कारण न देने वालों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
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जिला परिषद सदस्यों की मांग पर बैठक को स्थगित कर दिया गया है। जल्द ही तिथि निर्धारित कर बैठक आयोजित की जाएगी। साथ बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए जाएंगे।
-अमित मेहरा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी चंबा।
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अधिकारियों का बैठक से नदारद रहना आम बात हो गई है। पिछली बैठक से भी कई अधिकारी नदारद रहे थे, जो की बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक के दौरान सभी अधिकारियों उपस्थित रहना जरूरी है, ताकि विकास कार्यों में कोई बाधा न आए।
-नीलम कुमारी, अध्यक्ष जिला परिषद चंबा।
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कई अधिकारी बैठक को हल्के में ले रहे हैं। कई अधिकारी स्वयं उपस्थित नहीं होते हैं जबकि कई अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को बैठक में भेज देते हैं, जिनसे समस्याओं का हल करवा पाना मुमकिन नहीं है। जबकि बैठक में अधिकारियों का उपस्थित होना जरूरी है। यही कारण है कि बैठक का बहिष्कार करने को मजबूर होना पड़ा। साथ ही ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। क्योंकि, अधिकारियों के उपस्थित न होने से समस्याएं नहीं सुलझ पाती हैं।
-ललित ठाकुर, जिला परिषद सदस्य किलोड़ वार्ड।