प्लम की खेती से बदली किस्मत
संवाद सहयोगी चुराह सेब के साथ चंबा का चुराह क्षेत्र प्लम की खेती के लिए भी काफी उपयुक्त ह
संवाद सहयोगी, चुराह : सेब के साथ चंबा का चुराह क्षेत्र प्लम की खेती के लिए भी काफी उपयुक्त है। बैरागढ़ क्षेत्र से संबंध रखने वाले बृज लाल ने पिछले करीब सात वर्षो से प्लम की खेती को चुना है। बागवानी का उचित अनुभव रखने वाले बृज लाल का कहना है कि उन्होंने अपने बगीचे में ज्यादा प्लम के पौधे ही लगाए हैं, जिनमें हर साल दस से 15 क्विंटल की पैदावार हो रही है। इस साल उनके बगीचे में करीब 20 क्विंटल प्लम निकला है। इसके अलावा मंडियों में प्लम के दाम भी अच्छे मिल रहे हैं।
पिछले साल की बजाय इस साल प्लम के रेट में 50 से 70 रुपये तक का उछाल आया है। मौजूदा समय में मंडी में प्लम के भाव की बात की जाए तो अढ़ाई सौ से तीन सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्लम बिक रहा है। बागवान बृज लाल ने बगीचे में लगाए प्लम के सभी पौधे खुद ग्राफ्टिग करके तैयार किए हैं। उन्होंने कहा कि चुराह के अन्य बागवान भी प्लम की खेती को महत्व देकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
औषधीय गुणों से भरपूर है प्लम
प्लम कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें एंटीआक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और लवण पदार्थ की मात्रा भी काफी पाई जाती है। इसके सेवन से पेट संबंधी विकार जैसे भूख की कमी, बदहजमी, पाचन विकार आदि ठीक हो जाते हैं। साथ ही कब्ज, बवासीर जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद होता है। इससे जैम, जेली, चटनी व मुरब्बा भी बनाया जाता है।
प्लम की खेती भी सेब की तरह ज्यादातर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में होती है। चुराह, भरमौर, सलूणी जैसे क्षेत्रों में यह काफी सफल है। ऐसे में इन क्षेत्रों के बागवान सेब के साथ प्लम की खेती को बढ़ावा देकर अच्छी पैदावार कर सकते हैं, जिसके लिए विभाग की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही मदद का फायदा भी बागवान उठा सकते हैं।
सुशील अवस्थी, उपनिदेशक बागवानी विभाग चंबा।