मेडिकल कॉलेज से दो और विशेषज्ञ डॉक्टर रिलीव

मेडिकल कॉलेज चंबा विशेषज्ञ चिकित्सकों को भा नहीं आ रहा है। अब यहां से दो डॉक्टरों का चयन एसआर के लिए हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 09:34 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 09:34 AM (IST)
मेडिकल कॉलेज से दो और विशेषज्ञ डॉक्टर रिलीव
मेडिकल कॉलेज से दो और विशेषज्ञ डॉक्टर रिलीव

सुरेश ठाकुर, चंबा

पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा विशेषज्ञ चिकित्सकों को भा नहीं रहा है। यहां से विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक-एक करके जाना जारी है। अब स्त्री व हड्डी रोग विशेषज्ञों का चयन सीनियर रेजीडेंट (एसआर) के लिए डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा के लिए हुआ है। ऐसे में यहां दो चिकित्सक और कम हो गए हैं। कॉलेज प्रबंधन ने दोनों चिकित्सकों को रिलीव भी कर दिया है। इससे आने वाले दिनों में यहां पर चिकित्सकों की कमी खल सकती है।

चंबा में मेडिकल कॉलेज खुलने से लोगों को घरद्वार पर मेडिकल सुविधा मिलने की आस जगी थी, लेकिन एक-एक करके यहां से चिकित्सकों का जाना अच्छा संकेत नहीं है। हाल ही में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने नौकरी छोड़ दी है, जिसमें पारिवारिक समस्या का हवाला दिया गया था। ऐसे में भविष्य में मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञों की कमी भी खल सकती है।

उधर, चंबा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पीके पुरी का कहना है कि दो विशेषज्ञ चिकित्सकों का एसआर शिप के लिए चयन हुआ है। दोनों चिकित्सकों ने कॉलेज प्रबंधन से एसआर के लिए साक्षात्कार देने के बारे में बाकायदा एनओसी भी ली थी। अब इन दोनों डॉक्टरों का चयन हो गया है, जिस कारण इन्हें रिलीव कर दिया गया है। चंबा कॉलेज से पहले ही जा चुके हैं ये चिकित्सक

इससे पहले मेडिकल कॉलेज के एक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. रमेश धीमान चार माह पहले नौकरी छोड़ चुके हैं, वहीं एक अन्य मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. सुभाष आइजीएमसी में बतौर एसआर चयन होने के बाद अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. उमर जलाली, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नाहीदा नौकरी छोड़ चुके हैं, जबकि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष मित्तल का चयन एसआर के लिए आइजीएमसी शिमला के लिए हुआ है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. इती तुली का चयन मेडिकल कॉलेज टांडा के लिए हुआ है। जबकि डॉ. अभिषेक ने नौकरी छोड़ दी है। लिहाजा अब हड्डी रोग विशेषज्ञ लक्की वर्मा व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रांत चौहान का चयन एसआर के लिए टांडा के लिए हुआ है। डॉक्टरों के तबादले से तीसरे सत्र पर अनिश्चितताओं के बादल

चंबा मेडिकल कॉलेज से आए दिन कोई न कोई डॉक्टर नौकरी छोड़कर दूसरे स्वास्थ्य संस्थान में जा रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि सरकार चंबा मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देने वाले डॉक्टरों को नियमित नहीं कर रही है। इसकी वजह से डॉक्टर अपने गृह राज्य में लौट रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी हो जाएगी। इससे चंबा मेडिकल कॉलेज के तीसरे सत्र पर भी अनिश्चितताओं के बादल मंडरा रहे हैं।

हर विभाग में तीन डॉक्टरों का होना जरूरी

मेडिकल कॉलेज के हर विभाग में कम से कम तीन डॉक्टरों का होना अनिवार्य है। मगर चंबा में कई विभाग एक ही डॉक्टर के सहारे चल रहे हैं। इन्हें प्रशिक्षु डॉक्टरों को पढ़ाने के साथ ओपीडी भी देखनी पड़ रही है। मेडिकल कॉलेज का नेत्र और स्त्री रोग विभाग खाली हो गया है। नेत्र विभाग से दो डॉक्टर चंबा से जा चुके हैं। अब नेत्र विभाग की पूरी जिम्मेदारी एकमात्र डॉक्टर पर आ गई है।

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