बकलोह में बेसहारा पशुओं से लोग तंग
संवाद सहयोगी बकलोह बकलोह व साथ लगते क्षेत्रों में इन दिनों बेसहारा पशुओं का आतंक देखने क
संवाद सहयोगी, बकलोह : बकलोह व साथ लगते क्षेत्रों में इन दिनों बेसहारा पशुओं का आतंक देखने को मिल रहा है। दिनभर जहां ये पशु सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का कार्य करते हैं। वहीं, शाम होते ही खेतों का रुख कर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई पशु फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद फिर से सड़क पर आ जाते हैं, जो दुर्घटना का कारण भी बनते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बेसहारा पशुओं के कारण रात के समय में कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। कई पशुओं को तो टैग भी लगे हुए हैं। वे भी इन पशुओं में शामिल हैं। कुछ लोग पशुओं को रात के अंधेरे में या फिर मौका देखकर सड़क पर छोड़ देते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। बकलोह, ककीरा तथा कालूगंज में तो करीब 30 से 40 बेसहारा पशु वर्तमान समय में मौजूद हैं। लोगों का कहना है कि पालतू पशु अपने आप बेसहारा नहीं हो जाते हैं। उन्हें उनके मालिकों की ओर से बेसहारा छोड़ दिया जाता है, लेकिन, उनके ऐसा करने के बाद जिस क्षेत्र में पशु छोड़े जाते हैं, वहां के लोगों का जीना दूभर हो जाता है। इसलिए पशुओं को बेसहारा बनाने वाले पशुपालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि आने वाले समय में वे पशुओं को सड़क पर न छोड़ें। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इस संबंध में प्रशासन व पंचायत की ओर से जल्द कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए जाते हैं तो आने वाले समय में क्षेत्र में इन बेसहारा पशुओं का आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा, पंचायतें व प्रशासन पशुओं को बेसहारा छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही बेसहारा हो चुके पशुओं के लिए आश्रय प्रदान करें। उधर, एसडीएम भटियात बचन सिंह का कहना है कि जो लोग अपने पालतू पशुओं को बेसहारा छोड़ देते हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिन पशुओं के कान में टैग लगे हुए पाए जाते हैं, उनके मालिकों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में पंचायतों और पशु चिकित्सकों को आदेश दे दिए गए हैं। लोग पशुओं को बेसहारा न छोड़ें।