आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निकाली रैली, नारेबाजी की
संवाद सहयोगी चंबा आल इंडिया फेडरेशन आफ आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स (संबंधित सीटू) कि
संवाद सहयोगी, चंबा : आल इंडिया फेडरेशन आफ आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स (संबंधित सीटू) कर्मियों ने मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। जिला मुख्यालय चंबा के चौगान से शुरू हुई रैली बाजार से होते हुए उपायुक्त कार्यालय तक गई। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की साथ ही अतिरिक्त उपायुक्त चंबा के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंप कर लंबे समय से चली आ रही उनकी मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। 45 में और 46 में भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश को लागू नहीं किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने रोष व्यक्त करते हुए सरकार से एक बार फिर उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की गुहार लगाई है। अपनी मांगों में उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को ही प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त करने की बात कही है, क्योंकि मौजूदा समय में छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का जिम्मा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी संभाल रही हैं।
हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी कर्मियों को 15,500 व सहायिका को 5500 रुपये मासिक मानदेय दिया जाए। केंद्र सरकार पोषण ट्रैकर एप ब डीबीटी योजना पर रोक लगाए। प्रदेश में वेदांता कंपनी व नंद घरों के माध्यम से निजीकरण पर रोक लगाई जाए। नई शिक्षा नीति को वापस किया जाए। क्योंकि यह न केवल छात्र विरोधी है, बल्कि आइसीडीएस विरोधी भी है। 2021 के आइसीडीएस बजट में की गई 30 फीसद कटौती को वापस लिया जाए। वर्ष 2013 में हुए 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को 3000 रुपये पेंशन दी जाए व सेवानिवृत्ति के लिए आयु 65 वर्ष की जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत किए गए कार्य की बकाया राशि का भुगतान भी तुरंत किया जाए।