बिना लाइफ जैकेट के गोबिंदसागर की सैर

सुनील शर्मा बिलासपुर भाखड़ा की स्थापना के बाद उभर कर आई प्रदेश की पहली मानव निर्मित गोबिं

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 04:56 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 04:56 PM (IST)
बिना लाइफ जैकेट के गोबिंदसागर की सैर
बिना लाइफ जैकेट के गोबिंदसागर की सैर

सुनील शर्मा, बिलासपुर

भाखड़ा की स्थापना के बाद उभर कर आई प्रदेश की पहली मानव निर्मित गोबिंदसागर झील पर कई वर्ष से लोग मौत का सफर करने को मजबूर हैं। 1976 से लेकर अब तक झील को बने लगभग 45 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन हैरानी है कि दो शहरों में बंटे चुके बिलासपुर के लोग झील पर आज भी मौत के साये में सफर करने को मजबूर हैं।

झील पर चलने वाली सैकड़ों बोट (नाव) में सवारियों को एक से दूसरे छोर पर पहुंचाया तो जाता है, लेकिन वह सुरक्षित सामने तक पहुंचेंगे या नहीं, इस बात की कोई गारंटी नहीं। देश में ऐसी अनेक झीलें हैं जहां लोगों को लाइफ जैकेट और पूरी सुरक्षा के साथ सैर और सफर करवाया जाता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि बिलासपुरवासियों के लिए अब तक इस सुरक्षा का इंतजाम नहीं हो सका है। लोग आज भी जान हथेली पर लेकर मोटर बोट या किश्तियों में झील को पार करते हैं।

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असुरक्षा के कारण पर्यटक भी करते हैं झील से किनारा

दुनियाभर में प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से एक अलग महत्व रखता है, लेकिन बिलासपुर जिला की एकमात्र पर्यटन के आकर्षण का केंद्र गोबिंदसागर झील अब भी पर्यटकों से अछूती है। इसका बड़ा कारण यहां झील पर चलने वाली बोट में लाइफ जैकेट की कमी को माना जा रहा है। ऐसी बोट जो हवा से कभी भी पलट सकती है, उसमें कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे बोट संचालकों को वह लाइसेंस के साथ ही लाइफ जैकेट की शर्तो को भी लागू करे, ताकि वही लोग मोटर बोट चलाएं जिनमें पास सुरक्षा के सभी मानक पूरे हों।

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तेज हवाओं में बोट संचालकों की भी जा चुकी है जान

ऐसा नहीं है कि बिलासपुर व ऊना जिला में फैली झील पर हादसे नहीं हुए हैं। झील पर ऐसे भयानक हादसे हो चुके हैं जिनमें बोट में सैर करने वाली सवारियों और कई बार बोट संचालक तक डूब चुके हैं। कुछ ही समय पहले बिलासपुर के श्रीनयनादेवी क्षेत्र में प्रदीप नाम के बोट संचालक की जान तेज हवा में बोट के डूबने से चली गई थी।

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गोबिंदसागर झील पर चलने वाली मोटर बोट की वार्षिक जांच की जाती है। इस जांच में बोट की स्थिति को देखा जाता है और साथ ही लाइफ जैकेट की जांच भी होती है। हालांकि अभी तक शत प्रतिशत लाइफ जैकेट का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका है। इस दिशा में प्रशासन जल्द ही कोई सकारात्मक फैसला लेगा। जिला में लोक निर्माण विभाग का मैकेनिकल विग मोटर बोटों की जांच करता है। वही इन बोट की पासिग करने के बाद इनके लाइसेंस को रिन्युअल की अनुसंशा करते हैं।

-तोरूल एस रवीश, एडीसी बिलासपुर।

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