प्राध्यापकों के पद रिक्त, पढ़ाई होगी कैसे

श्रीनयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के श्रीशक्ति संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षकों क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:16 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:16 PM (IST)
प्राध्यापकों के पद रिक्त, पढ़ाई होगी कैसे
प्राध्यापकों के पद रिक्त, पढ़ाई होगी कैसे

संवाद सहयोगी, नयनादेवी : श्रीनयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के श्रीशक्ति संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षकों के पद रिक्त होने अब छात्रों का भविष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है। इस महाविद्यालय की स्थापना श्रीनयना देवी मंदिर के पुजारियों ने लगभग 90 वर्ष पहले सन 1931 में की थी। 1985 से पहले स्थानीय मंदिर समिति श्रीनयना देवी द्वारा ही इस महाविद्यालय का संचालन किया जाता था। 1985 के बाद मंदिर के सरकारीकरण होने के बाद मंदिर न्यास द्वारा इस महाविद्यालय का संचालन किया जाता है। महाविद्यालय में प्राध्यापकों के नौ स्वीकृत हैं, जिनमें से पांच पद रिक्त पड़े हुए हैं। यह केवल चार प्राध्यापकों के सहारे पिछले कई वर्षों से चल रहा है। इसमें मुख्य तौर पर व्याकरण के आचार्य, साहित्य आचार्य के दो पद, ज्योतिषाचार्य तथा इतिहास के प्राध्यापक के पद पिछले लगभग पांच वर्षों से रिक्त चल रहे हैं।

महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि महाविद्यालय में पांच कक्षाएं हैं तथा लगभग 40 पीरियड प्रतिदिन लगते हैं। प्राचार्य प्रतिदिन 10 पीरियड छात्रों को पढ़ा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है। छात्रों का कहना है कि वे काफी दूरदराज के क्षेत्रों से पढ़ने के लिए इस महाविद्यालय में आए हैं लेकिन प्राध्यापकों की कमी के कारण उन्हें भविष्य की चिता होने लगी है। उपलब्धियों की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा उत्तरी भारत में इस महाविद्यालय का सर्वोच्च स्थान रहा है।

वर्तमान में राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में कार्यरत अध्यापक इसी संस्था के विद्यार्थी रहे हैं। अनेक स्नातक केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा अन्य विश्वविद्यालयों के उच्च पदों पर सेवा दे रहे हैं। इस महाविद्यालय में प्रदेश के दूरदराज क्षेत्र चंबा, कुल्लू, शिमला, चौपाल, रामपुर, बुशहर, हमीरपुर, कांगड़ा आदि तथा पंजाब के भी कुछ छात्र यहां पढ़ने के लिए आते हैं। प्राध्यापक न होने के कारण उन्हें मायूसी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि महाविद्यालय में 2016 से ही कई पद रिक्त पड़े हैं। वर्तमान में महाविद्यालय में केवल चार ही अध्यापक हैं। इससे यहां पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। मंदिर प्रशासन के साथ-साथ सरकार भी बच्चों के भविष्य की चिता नहीं कर रही है।

उधर, मंदिर अधिकारी विजय गौतम ने बताया कि यह मामला पहले ही हमारे संज्ञान में आ चुका है तथा महाविद्यालय में रिक्त पड़े पदों को सरकार के नियमों के अनुसार जल्द से जल्द भर दिया जाएगा।

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