गिले-शिकवे भूल बैठक में पहुंचे कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षद

राजेश्वर ठाकुर बिलासपुर नगर परिषद के चुनाव नतीजों से पहले और बाद में कांग्रेस के नवि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:47 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 06:47 PM (IST)
गिले-शिकवे भूल बैठक में पहुंचे कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षद
गिले-शिकवे भूल बैठक में पहुंचे कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षद

राजेश्वर ठाकुर, बिलासपुर

नगर परिषद के चुनाव नतीजों से पहले और बाद में कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षदों की पार्टी से जुड़ाव को लेकर लगाए जा रहे कयास को फिलहाल पार्टी ने विराम लगा दिया है। पूर्व विधायक राजेश धर्माणी के नेतृत्व में शहरी कांग्रेस ने जीते हुए अपने पार्षदों को बुलाकर बैठक की। इसे लोहड़ी पर्व पर मिलन कार्यक्रम करार दिया गया। बैठक में आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने के रूप में प्रचारित की जा रही पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष रीता सहगल भी शामिल हुई हैं। बल्कि उन्हें शहरी कांग्रेस ने बाकायदा बुलाया और वह पार्टी में दो वर्ष पहले अध्यक्ष पद के मामले में हुए विवाद को भूलकर पहुंची भी। पूर्व विधायक राजेश धर्माणी व शहरी कांग्रेस के नेताओं ने भी पुरानी बातों का न तो जिक्र किया और न ही व्यवहार में यह महसूस होने दिया। ऐसे में कांग्रेस के चुने हुए पार्षदों के अब फिलहाल बागी होकर दूसरे पक्ष के किसी व्यक्ति को समर्थन करके अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाएं कमजोर पड़ गई हैं। ऐसी संभावना है कि हो सकता है कि कांग्रेस अपने में से ही पात्रता के आधार पर अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुन ले।

नगर परिषद घुमारवीं क्षेत्र में हुए चुनाव के नतीजे आने से पहले व बाद में यह प्रचार किया गया कि श्याम शर्मा व रीता सहगल आजाद उम्मीदवार जीते हैं और कांग्रेस के पास सिर्फ दो ही पार्षद हैं। कई दिन तक यह मामला राजनीतिक गलियारों में रहा। कारण यह था कि श्याम शर्मा के वार्ड से एक कांग्रेस नेता राम स्वरूप भी खडे़ थे जो हार गए थे। माना जा रहा था कि शहरी कांग्रेस की इस नीति के कारण श्याम शर्मा नाराज हैं और अब वह कांग्रेस के साथ समर्थन नहीं रखेंगे। ऐसा ही हाल रीता सहगल के मामले में प्रचारित था कि उन्हें अध्यक्ष पद पर इसलिए कांग्रेस नहीं बैठाएगी क्योंकि रीता ने दो वर्ष पहले अपने वोट से भजपा के नेता राकेश चोपड़ा को अध्यक्ष पद पर बिठा दिया था। ऐसे में पूरे शहर में दोनों को लेकर संशय था।

सूत्रों ने बताया कि पूर्व विधायक राजेश धर्माणी के घर पर बैठक में हालांकि अगली नगर परिषद के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद के लिए कोई चर्चा नहीं हुई है लेकिन चारों पार्षदों के एक मंच पर आ जाने के बाद यह संभावनाएं बनी हैं कि आने वाले दिनों में राजेश धर्माणी के निर्देश मिलते ही पात्रता व वरिष्ठता के हिसाब से रीता सहगल को अध्यक्ष और श्याम शर्मा को उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि अंतिम निर्णय से पहले यह चर्चा है कि श्याम शर्मा और रीता सहगल के बीच राजनीतिक रिश्तों की अतीत की कड़वाहट कहीं पार्टी की इस कोशिश में बाधा न बन जाए।

ऐसा हुआ तो इसके बाद राकेश चोपड़ा की बेटी निशा चोपड़ा या वार्ड एक की महिला उर्मिला को अध्यक्ष बनाने की कोशिशों को विराम लग सकता है।

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