घुमारवीं को छोड़ बिलासपुर, नयना देवी व शाहतलाई में भगवा

जागरण संवाददाता बिलासपुर जिला बिलासपुर में दो नगर परिषदों व एक नगर पंचायत क्रमश बिला

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 10:16 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 10:16 PM (IST)
घुमारवीं को छोड़ बिलासपुर, नयना देवी व शाहतलाई में भगवा
घुमारवीं को छोड़ बिलासपुर, नयना देवी व शाहतलाई में भगवा

जागरण संवाददाता, बिलासपुर : जिला बिलासपुर में दो नगर परिषदों व एक नगर पंचायत क्रमश: बिलासपुर, नयनादेवी और शाहतलाई में भाजपा ने आखिर सत्ता का रास्ता निकाल ही लिया। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कमलेंद्र कश्यप को एक चेहरा बनाकर लड़े गए इस चुनाव में बिलासपुर शहर में नगर परिषद ने कुल सात वार्डो में बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने हालांकि कुल चार वार्ड जीते हैं लेकिन इनमें से दो वार्ड यानी दस और 11 नंबर वार्ड वहां के उम्मीदवारों की अपनी मेहनत के बूते उन्होंने जीते हैं। दोनों का सामाजिक व्यक्तित्व ही यहां भाजपा पर भारी पड़ गया।

भाजपा को सबसे बड़ा झटका घुमारवीं में लगा है। यहां पर पार्टी में अंदरखाते जारी घमासान का नुक्सान इस बार शहर में पार्टी के दिग्गज नेता राकेश चोपड़ा को हार के रूप में हुआ है। लेकिन उनकी बेटी निशा चोपड़ा ने भाजपा की ही उम्मीदवार निधि शर्मा व कांग्रेस की पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष गीता महाजन को भी इस सियासी रण में बतौर आजाद उम्मीदवार पछाड़ा है।

शहर में ही पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष रहीं रीता सहगल ने भी अपने खिलाफ बुने गए चक्रव्यूह को तोड़ते हुए यह साबित कर दिया है कि वह किसी जाति विशेष की नेता नहीं हैं बल्कि सामान्य महिला के लिए आरक्षित वार्ड में भी वह प्रिय नेता हैं।

घुमारवीं हलके में भाजपा के विधायक एवं केबिनेट मंत्री राजिंद्र गर्ग अपने वार्ड में पार्टी के घोषित उम्मीदवार को सौ के आंकड़े तक नहीं पहुंचा पाए। पार्टी के उम्मीदवार की शर्मनाक हार हुई है। यहां से कांग्रेस के ही श्याम शर्मा जीत गए हैं। उनसे दूसरे नंबर पर भी कांग्रेस के ही नेता रामस्वरूप रहे हैं।

नयनादेवी विस हलके की नगर परिषद नयनादेवी में कांग्रेस की हार हुई है। यह तब हुआ है जब खुद मौजूदा विधायक एवं कांग्रेस के नेता रामलाल ठाकुर नगर परिषद के चुनावों में उम्मीदवारों की घोषणा करके आए थे। यहां पर उनके प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा नेता रणधीर शर्मा ने बाजी मार ली है। शाहतलाई में कांग्रेस को हार का सामना करना पडा है। यहां पर पांच भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है जबकि दो कांग्रेस के उम्मीदवार जीत गए हैं।

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नगर परिषद बिलासपुर में अरसे बाद भगवा रंग

बिलासपुर शहर में नगर परिषद लंबे समय के बाद अब भगवा रंग में रंगने वाली है। यह तय हुआ है कांग्रेस से भाजपा में लाए गए कमलेंद्र कश्यप की वजह से। भाजपा ने वार्ड नंबर एक से अनुसूचित जाति बस्ती से इस बार रणनीतिक तरीके से नरेश कुमारी को उतारा था। वहां कांग्रेस ने अलका को उतारा था। यहां से नरेश कुमारी बाजी मार गईं। पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सोमा देवी की यहां करारी हार हुई। वार्ड नंबर दो भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की करीबी रिश्तेदार संतोष जोशी ने जीत दर्ज की। उनके मुकाबले में खड़ी सीमा को महज एक सौ पांच वोट ही मिल पाए हैं। कमलेंद्र कश्यप ने भी अपने लिए तय नए वार्ड नंबर तीन में कांग्रेस के वीरदीन को पछाड़ा है। नीतू मिश्रा के कामकाज को भी लोगों ने सराहा है और कांग्रेस व आजाद उम्मीदवारों को नकार दिया है। वीना पंडित को अपने पति नरेंद्र पंडित के कामकाज पर ही वोट मिला है। शिप्रा गौतम नया चेहरा थीं। कांग्रेस ने अंतिम वक्त पर उतारा इसलिए भी मुकाबला नहीं कर पाईं। वार्ड छह से ही भाजपा का केंडीडेट शुरू से ही कमजोर साबित हो रहा था जिसके चलते यहां से कांग्रेस के अजय कुमार जीते। सात नंबर वार्ड से कमल गौतम ने बैंक मैनेजर के पद से रिटायर मीरा भोगल को हराया। आठ नंबर से भाजपा की सोनिया ने बाजी मार ली है। नौ नंबर में कांग्रेस को जीत मिली है। दस नंबर में रितेश मेहता मनोज पिल्लई के मुकाबले में बेहद कमजोर थे। 11 नंबर में भी पिल्लई की तरह ही नवीन का भी सामाजिक व्यक्तित्व भाजपा को ढेर कर गया। विधायक सुभाष ठाकुर के लगातार चार दिन तक इसी वार्ड में प्रचार करने के बावजूद उनके खासमखास आशीष ढिल्लों चुनाव हार गए हैं।

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घुमारवीं में भाजपा के दिग्गज राकेश चोपड़ा हारे

नगर परिषद घुमारवीं में वार्ड एक में कांग्रेस को शिकस्त मिली है। यहां से भाजपा की उर्मिला जीती हैं। वार्ड नंबर दो में भाजपा के दिग्गज नेता राकेश चोपड़ा को कांग्रेस के युवा नेता कपिल शर्मा ने पछाड़ा है। अब शहर में कांग्रेस के कपिल शर्मा एक बडे़ चेहरे के रूप में सामने आए हैं। तीन नंबर में निशा चोपड़ा जीत गई हैं। इसका सीधा अर्थ है कि सब्जी मंडी के विवाद में चोपड़ा अनुसूचित जाति बस्ती के लोगों को आश्वास्त करने में कामयाब हो गए हैं कि भाजपा के एक युवा नेता का सब्जी मंडी के मामले में बयान सिर्फ भाजपा का ही कारनामा है और चोपड़ा का उसमें कोई हाथ नहीं है। इसलिए बस्ती के लोग चोपड़ा की बेटी के साथ हो गए हैं। कांग्रेस के श्याम शर्मा ने भी साबित कर दिया कि कांग्रेस के ही एक खेमे और भाजपा के स्थानीय विधायक एवं मंत्री राजिंद्र गर्ग की रणनीति उन पर बेअसर रही है और वह अपने वार्ड के सर्वमान्य नेता हैं। अश्वनी रत्वान के खिलाफ भी कांग्रेस ने कमजोर केंडीडेट दिया था इसलिए वह दूर दूर तक टिक नहीं पाया। लेकिन कुल मिलाकर घुमारवीं नगर परिषद में कांग्रेस ने अपनी साख बचाने और सत्ता तक पहुंचने का रास्ता निकाल लिया है।

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