बस रूट बंद होने से 50 से अधिक गांव के लोग परेशान

संवाद सहयोगी बिलासपुर मारकंड- शिमला बस रूट को बहाल करने के लिए आवाज उठनी शुरू हो गइ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:00 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:16 AM (IST)
बस रूट बंद होने से 50 से अधिक गांव के लोग परेशान
बस रूट बंद होने से 50 से अधिक गांव के लोग परेशान

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : मारकंड- शिमला बस रूट को बहाल करने के लिए आवाज उठनी शुरू हो गई है। वीरवार को टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक रजनीश शर्मा के साथ सामाजिक कार्यकत्र्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्रीय प्रबंधक बिलासपुर से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि बस रूट बंद होने से लगभग 50 से अधिक गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शर्मा ने बताया कि चार तीर्थ पूर्ण करने के बाद भी मार्कडेय तीर्थ जाना बेहद जरूरी माना जाता है, तभी तीर्थ यात्रा को संपूर्ण माना जाता है। हिदू धर्म के लोगों को विशेष आस्था के लिए पहचाना जाता है। महर्षि मार्कडेय मंदिर क्षेत्र की जनता की भारी मांग पर यह बस रूट मौजूदा सरकार ने शुरू करवाया था, जिसको किसी भी सूरत में हमेशा के लिए बंद नहीं होने दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को शिमला जाने के लिए न चाहते हुए भी टैक्सी का उपयोग करना पड़ रहा है। मारकंड शिमला रूट पर चलाई जाने वाली यह बेहद ही उपयोगी बस सेवा थी जो दावी घाटी के साथ-साथ लगभग 50 से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों को प्रदेश की राजधानी शिमला तथा आइजीएमसी तक आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गरीब लोगों को पहुंचने का काम करती थी। इस बस रूट को महज इस आधार पर बंद कर दिया गया है कि सवारियां नहीं थी, जबकि कोविड-19 तथा लॉकडाउन की वजह से धार्मिक मंदिर परिसर बंद थे, इसलिए मंदिर में लोग नहीं आ रहे थे तथा सफर भी नहीं कर रहे थे, अब जब सरकार की ओर से सभी मंदिर खोल दिए गए हैं तथा लोगों ने आना जाना शुरू कर दिया है। प्रतिनिधिमंडल में अधिवक्ता अमित शर्मा, प्रताप ठाकुर भी मौजूद थे।

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