जेसीसी की बैठक से कुछ खुश तो कई निराश

जागरण टीम बिलासपुर/हमीरपुर प्रदेश सरकार ने शिमला में शनिवार को कर्मचारी संगठनों के साथ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 07:10 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 07:10 PM (IST)
जेसीसी की बैठक से कुछ खुश तो कई निराश
जेसीसी की बैठक से कुछ खुश तो कई निराश

जागरण टीम, बिलासपुर/हमीरपुर : प्रदेश सरकार ने शिमला में शनिवार को कर्मचारी संगठनों के साथ जेसीसी की बैठक में कई निर्णय लिए हैं। इन निर्णयों पर अलग-अलग कर्मचारियों संगठनों ने अपनी राय रखी है। कई कर्मचारी बैठक में हुए निर्णयों की सराहना कर रहे हैं तो कई निराश हुए हैं। बिलासपुर तथा हमीरपुर जिले के कर्मचारी नेताओं ने अपने विचार प्रकट किए हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि जेसीसी की बैठक में कई मांगों पर विचार तक नहीं किया गया है। हालांकि कुछ मांगों को लेकर सरकार ने कर्मचारियों को राहत दी है।

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जेसीसी की बैठक कर्मचारियों के साथ मजाक है। जेसीसी की जस्टिफिकेशन ही खत्म कर दी है। इसमें एजेंडे पर चर्चा की जाती थी और सरकार का पक्ष मुख्यमंत्री रखा करते थे। कोई एजेंडा डिस्कस नहीं किया गया। कौन सा पे कमीशन लागू किया जाएगा इस बारे में कोई स्पष्ट नहीं बताया गया है।

-इंद्र ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ। -------------

जेसीसी बैठक में कर्मचारियों के हित में फैसले लिए गए हैं। हालांकि कुछ मांगों को पूरा नहीं किया गया है। एसोसिएशन की वरिष्ठता का लाभ ज्वाइनिग की तिथि से देने की मांग को पूरा नहीं किया गया है। इससे उन कर्मचारियों को हानि उठानी पड़ रही है। उम्मीद है कि सरकार उनकी इस मांग को भी शीघ्र पूरा करेगी।

-जगदीश दिनेश, प्रधान, पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन बिलासपुर।

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प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को राहत दी है। बैठक में एनपीएस कर्मचारियों को फैमिली पेंशन का प्रविधान है, अनुबंध समयसीमा को तीन से दो वर्ष करना और नए वेतनमान को लागू करना स्वागत योग्य है। अभी भी प्रदेश के कर्मचारियों की कुछ ऐसी मांगे हैं, जिन्हें सरकार को पूरा करने की जरूरत है।

-यशवीर रणौत, प्रधान, राजकीय अध्यापक संघ, बिलासपुर। ----------

जेसीसी की बैठक में अनुबंध पर लगे कर्मचारियों को ज्वाइनिग तिथि से लाभ देने की घोषणा नहीं की गई है। इससे कर्मचारियो में रोष है। जो कर्मचारी 2003 में लगे थे और 2012 में नियमित हुए हैं। जबकि इसके बाद जो कर्मचारी 2007 में लगे वह भी 2012 में अनुबंध कार्यकाल कम कर देने से नियमित हो गए।

-अनूप गौतम, प्रधान, लोक निर्माण विभाग कनिष्ठ अभियंता संघ, बिलासपुर जोन।

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लंबे समय से कर्मचारियों के हितों को लेकर सरकार के साथ जेसीसी बैठक न होने से कर्मचारी संगठनों की नाराजगी दूर हुई है। फैमिली पेंशन को लेकर का निर्णय भी ठीक है, लेकिन ओल्ड पेंशन की बहाली की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री के जेसीसी की बैठक में लिए फैसले कर्मचारी हित में हैं।

-विजय गौतम, प्रदेश अध्यक्ष, मुख्याध्यापक, प्रधानाचार्य काडर संघ।

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कर्मचारियों का स्केल वर्ष 2016 से देय है। सरकार ने पांच वर्ष बाद यह फैसला कर्मचारियों के हित में नहीं लिया है। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को दो वर्ष का सेवाकाल कम करना कर्मचारी के हित में है। सरकार की परीक्षा तो 29 नवंबर को शिमला में होने वाली विशाल बैठक ही सरकार की दिशा तय करेंगे।

-तिलकराज शर्मा, जिला प्रधान, भारतीय मजदूर संघ।

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कर्मचारियों के हितों को लेकर जेसीसी की अहम बैठक थी, कर्मचारियों तथा अन्य विभिन्न संगनों को इस बैठक से निराशा हाथ लगी है। कर्मचारियों को एनपीएस से ओपीएस योजना में बदलना ही कर्मचारी संगठनों की मांग है।

-दिनेश ठाकुर हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्याप संघ के जिला प्रधान ।

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कर्मचारियों के हित मे मुख्यमंत्री ने जेसीसी की बैठक में मात्र मरहम लगाने का प्रयास किया है। कर्मचारियों की मुख्य मांग एनपीस से ओपीएस योजना लागू करना है। मुख्यमंत्री ने अनुबंध को दो साल की समय अवधि करना बेहतर फैसला है। इसका लाभ कर्मचारियों को बैक डेट से होना चाहिए।

-कुलदीप सिंह खरवाड़ा, प्रदेश अध्यक्ष विद्युत बोर्ड यूनियन।

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