घुमारवीं में घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना हांफी
स्वच्छता रैंकिंग में 26वें स्थान में आने पर अपनी पीठ थपथपा रही नगर परिषद आठ दिन से लोगों से घरों से कूड़ा नहीं उठा पाई है।
संवाद सहयोगी, घुमारवीं : स्वच्छता रैंकिंग में 26वें स्थान में आने पर अपनी पीठ थपथपा रही नगर परिषद घुमारवी आठ दिन से लोगों के घरों से कूड़ा तक नहीं उठा पाई है। इससे स्वच्छता में बड़े-बड़े दावे करने वाली नगर परिषद घुमारवीं की जमीनी हकीकत सामने आ रही है।
नगर परिषद ने घुमारवीं में पिछले दो-तीन साल से डोर टू डोर कूड़ा उठाने की योजना शुरू की थी। इसमें गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग कर लोगों के घरों से लिया जाता था। अब योजना पूरी तरह हांफ गई है। लोगों का कहना है कि एक सप्ताह से नगर परिषद का कोई कर्मचारी कूड़ा लेने नहीं आ रहा है। इस कारण वे घर में कूड़ा रखने में असमर्थ हो रहे हैं। उन्हें मजबूरन कूड़ा जलाना या इधर-उधर फेंकना पड़ रहा है। नगर परिषद ने घुमारवीं के सातों वार्डों से एक दिन छोड़कर घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना शुरू की थी। इसके बाद शहर स्वच्छता व सुंदर दिखने लगा था। अब नगर परिषद ने कूड़ा लेना बंद कर दिया है। इससे लोगों की दिक्कत बढ़ गई है। नगर परिषद कूड़ा उठाने के लिए हर माह प्रति घर 50 रुपये वसूलती थी। योजना के तहत नगर परिषद ने घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए ठेकेदार के कर्मचारी रखे थे। इसके बाद लोगों ने खुले में कूड़ा फेंकना बंद कर दिया था। अगर किसी दिन कूड़े ले जाने वाली गाड़ी नहीं आती थी तो उस दिन घर के कोने में ही रखा जाता था और अगले दिन गाड़ी आने पर उसमें डाला जाता था। इसका असर हर साल होने वाले स्वच्छता सवेक्षर्ण की रैंकिग में लगाई गई ऊंची छलांग के रूप में देखने को मिला था। पिछले साल की अपेक्षा इस बार सर्वेक्षण में नगर परिषद की रैंकिग बेहतर रही है।
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जिस फैक्ट्री में कूड़ा भेजा जा रहा था, फिलहाल उसने लेना बंद कर दिया है। इस कारण समस्या पेश आ रही है। उम्मीद है कि जल्द कोई रास्ता निकल आएगा और लोगों को सुविधा मिलेगी।
-रीता सहगल, अध्यक्ष, नगर परिषद घुमारवीं