प्राकृतिक खेती से आएगी किसान के घर खुशहाली
दुर्घटना की प्रकृति के आधार पर 10 हजार से 3 लाख रूपए की सहायता राशि का प्रावधान
बिलासपुर जिला में परंपरागत खेती को बढ़ावा देने तथा कृषि को छोड़ चुके किसानों को फिर से इससे जोड़ने के लिए प्राकृतिक खेती के तहत शिविरों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे वह रासायनिक खादों का प्रयोग कम कर प्राकृतिक रूप से खेती करें तथा आमदनी को बढ़ा सकें। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति कृषि कार्य करते हादसे का शिकार हो जाता है तो विभाग की ओर से दुर्घटना की प्रकृति के अनुसार दस हजार से तीन लाख रुपये की सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनुदान भी प्रदान कर रही हैं। यह कहना है बिलासपुर के कृषि विभाग के उपनिदेशक कुलदीप पटियाल का। उन्होंने दैनिक जागरण से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं उसके मुख्य अंश :
उपनिदेशक का पद संभालने के बाद आपको क्या कमियां नजर आई। उन्हें दूर करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
बिलासपुर में सुचारू रूप से कृषि कार्य चला हुआ है। हां, किसान भवन की हालत अच्छी नहीं है। इसकी मरम्मत के लिए निदेशालय को पत्र लिखा है।
लोग कृषि छोड़ रहे हैं। उन्हें दोबारा कृषि से जोड़ने के लिए विभाग क्या प्रयास कर रहा है?
बिलासपुर में लोगों को दोबारा कृषि से जोड़ने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। विभाग किसानों के लिए शिविर लगाकर प्रशिक्षण दे रहा है, ताकि वह रासायनिक खादों का प्रयोग कम कर सकें। प्राकृतिक रूप से खेती को बढ़ावा देकर आमदन बढ़ा सकें। कृषि को छोड़ने का मुख्य कारण बेसहारा पशु भी हैं। इनसे छुटकारा दिलाने के लिए विभाग क्या कदम उठा रहा है?
बिलासपुर में बेसहारा पशु खेतों में न घुस सकें, इसके लिए विभाग सोलर युक्त फेंसिंग पर सब्सिडी प्रदान कर रहा है। कांटेदार तार उपलब्ध करवाने की योजना भी है। इसके तहत मार्गदर्शिका तैयार की जा रही है। सोलर फेंसिंग लगाने से पहले इस कांटेदार तार लगाई जाएगी, जिससे पशु अंदर न घुस सकें। जिले में सिचाई सुविधा की काफी कमी है। इसे बढ़ावा देने के लिए आप क्या प्रयास कर रहे हैं?
बिलासपुर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विभाग फव्वारा तथा टपक सिचाई योजना के तहत अनुदान प्रदान कर रहा है। यदि किसी व्यक्ति के खेतों के पास कुआं है तथा वह वहां से पानी उठाना चाहता है तो उसके लिए भी अनुदान दिया जा रहा है। कूहल बनाने के लिए किसान विकास संघ के माध्यम से अनुदान प्रदान किया जा रहा है। कृषि कार्य करते समय यदि कोई व्यक्ति घायल हो जाता है या मृत्यु हो जाती है तो परिवार को विभाग की तरफ किसी प्रकार की सहायता दी जाती है या नहीं?
कृषि कार्य करते या उपकरण प्रयोग करते समय यदि कोई व्यक्ति घायल हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है तो विभाग की तरफ से पीड़ित परिवार को सहायता दी जाती है। विभाग दुर्घटना की प्रकृति के आधार पर 10 हजार से तीन लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करता है। यदि किसान की फसल प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हो जाती है तो उसके लिए क्या प्रावधान है?
यदि किसी किसान की फसल प्राकृतिक आपदा से नष्ट हो जाती है तो किसान को तुरंत इसकी सूचना नजदीकी कृषि विकास अधिकारी को देनी चाहिए, ताकि वह संबंधित अधिकारियों के साथ मौके का जायजा ले सकें। इसके लिए आवश्यक है कि किसान ने फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाया हो। उसे नष्ट हुई फसल का पूरा मुआवजा मिलता है। रजनीश महाजन, बिलासपुर