एड्स रोगियों को मिल रही 15 सौ रुपये मासिक सहायता
जागरण संवाददाता बिलासपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रकाश दड़ोच ने बताया कि 1981 के दश्
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रकाश दड़ोच ने बताया कि 1981 के दशक से शुरू होने वाली एड्स बीमारी का आज भी कोई इलाज नहीं है, लेकिन जागरूकता से इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के कारण 2010 से 2017 तक एड्स के नए केसों में 27 प्रतिशत तथा मौतों में 56 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदेश सरकार ने एड्स उन्मूलन के लिए 2030 का लक्ष्य रखा है, इसके लिए राज्य एडस नियंत्रण समिति द्वारा 47 आइसीटीसी केंद्र एफआइसीटीसी केंद्रों के माध्यम से सेवाएं दी जा रही हैं। एचआइवी/एडस से प्रभावित माता-पिता के बच्चों को उम्र के अनुसार तीन सौ से आठ सौ रुपये तक की आर्थिक सहायता 18 वर्ष तक दी जाती है, इसके अतिरिक्त एचआइवी/एडस के सभी रोगियों के लिए 1500 रुपये की मासिक आर्थिक सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है।
एचआइवी/एडस मुख्यत: चार कारणों से होता है। संक्रमण के लिए सुरक्षात्मक कदम उठा कर घातक रोग से सुरक्षित रहने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है । बिलासपुर जिला में वर्तमान में 278 एचआइवी/एडस के मरीज एआरटी ले रहे हैं जो मुफ्त दी जा रही है। सीएमओ ने बताया कि एड्स प्रभावित व्यक्ति को इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला, चिकित्साल्य हमीरपुर, चिकित्सा महाविद्यालय टांडा और एआरटी सेटर बिलासपुर व अन्य सभी जिलों में उपचार के लिए दवा मुफ्त उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि रोगी व्यक्ति के साथ एक व्यक्ति के आने-जाने का किराया भी दिया जाता है।
खास बातें
बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता है जरूरी : डा. दड़ोच
कहा, अस्पतालों में मुफ्त दी जा रही है रोगियों को दवा