15 दिन में लाइटों की मरम्मत नहीं करा पाया ठेकेदार, दो वार्डो में आधी मिली खराब

पीटिशन कमेटी के आदेशों पर ठेकेदार सात वार्डो में स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत नहीं कर पाया जबकि ठेकेदार को 15 दिन का समय दिया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 09:18 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 09:18 AM (IST)
15 दिन में लाइटों की मरम्मत नहीं करा पाया ठेकेदार, दो वार्डो में आधी मिली खराब
15 दिन में लाइटों की मरम्मत नहीं करा पाया ठेकेदार, दो वार्डो में आधी मिली खराब

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पिटीशन कमेटी के आदेशों पर ठेकेदार सात वार्डो में स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत नहीं कर पाया, जबकि ठेकेदार को 15 दिन का समय दिया गया था। इस अवधि में केवल दो वार्डो में खराब पड़ी लाइटों की ही मरम्मत हो पाई है। तीसरे वार्ड में काम शुरू हो गया है। इस दौरान करीब आधी लाइटें खराब मिलीं। हालांकि इन लाइटों को बदल दिया गया है, लेकिन कमेटी के आदेशानुसार तय समय सीमा में लाइटों के ठीक न होने से ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

बता दें कि मार्च-2020 में ये लाइटें लगाई गई थी। गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए मौजूदा सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा व पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन कुमार बिट्टू ने विधानसभा की पिटीशन कमेटी में इसकी शिकायत की थी।

वार्ड-19 व 21 में अधिक खराब

वार्ड-19 व 21 में 600-600 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थी। एक वार्ड में 200 से अधिक लाइटें खराब निकली हैं। इसके अलावा अन्य हर वार्ड में 150 से 200 लाइटें लगाई गई थी। इनमें अभी खराब लाइटों को ठीक किए जाने का कार्य चल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक हर वार्ड में एक-एक लाइट की जांच की जा रही है।

यह है मामला

नगर निगम के वार्ड नंबर-दो, छह, आठ, नौ, 10, 15, 19, 21 में स्ट्रीट लाइट लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई। ठेकेदार ने लाइट लगाने का काम शुरू ही किया था कि निगरानी कमेटी के सदस्यों व पार्षदों ने लाइटों की गुणवत्ता और टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए। लाइटें लगाने का काम रुक गया। इसकी शिकायत कमिश्नर, मेयर व विधायक को गई। बाद में जांच के लिए कमिश्नर ने फिर से जांच के लिए टेक्निकल कमेटी का गठन किया गया। उसके बाद विधानसभा की पिटीशन कमेटी में मामला गया।

हाउस की बैठक में उठ चुका मुद्दा

विभिन्न वार्डो में खराब हुई स्ट्रीट लाइटों का मामला हाउस की बैठक में भी उठ चुका है। लाइटों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए शिकायत आठ वार्डो की हुई। इसके बाद नगर निगम के सभी 22 वार्डो में स्ट्रीट लाइटें लगाए जाने का काम रुक गया। पार्षदों के आरोप है कि जो लाइटें खराब हैं न तो उनको ठीक किया जा रहा है न ही न ही वार्डो में नई लाइटें लगाई जा रही हैं। हालांकि निगम क्षेत्र की सभी वार्डो में सोडियम लाइटों को एलईडी में कन्वर्ट करने की योजना है। 25 हजार सोडियम लाइटों को एलईडी में कन्वर्ट किया जाना है। यह योजना भी अभी अधर में है।

कुछ दिन बाद ही खराब हो जाती हैं नई लाइटें

वार्ड नंबर चार से पार्षद विनय कांबोज, पांच से देवेंद्र कुमार, वार्ड 22 से सविता कांबोज व वार्ड 13 से निर्मल चौहान का कहना है कि निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है। शिकायत किए जाने के कई कई माह तक खराब लाइटों को ठीक नहीं किया जाता। नई लाइटें कुछ दिन बाद ही खराब हो जाती हैं। व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए।

वर्जन

वार्ड 19 व 21 में खराब स्ट्रीट लाइटों के बदलने का काम पूरा हो चुका है। वार्ड आठ में भी शुरू हो चुका है। कई वार्डों में गांव का एरिया भी शामिल है। यहां एक-एक लाइट चैक की जा रही है। इसलिए समय लग रहा है। ठेकेदार को 25 जनवरी तक का समय दिया गया है। इस दौरान लाइटों की मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा।

मृणाल जायसवाल, एमई, नगर निगम।

chat bot
आपका साथी