हृदय रोगों और कैंसर के बाद ब्रेन स्ट्रोक के केसों मेंवृद्धि चिताजनक: डा. गुप्ता

हृदय रोगों व कैंसर के बाद ब्रेन स्ट्रोक के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बड़े-बुजुर्ग ही नहीं अब युवा भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। शराब के ज्यादा सेवन धूम्रपान वसा/चिकनाईयुक्त आहार नशीले पदार्थ व बढ़ता वजन युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन रहा है। यह कहना है कि फोर्टिस अस्पताल मोहाली के एडीशनल डायरेक्टर प्रोफेसर डा. विवेक गुप्ता का। वे यहां निजी होटल में प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:20 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:20 PM (IST)
हृदय रोगों और कैंसर के बाद ब्रेन स्ट्रोक के केसों मेंवृद्धि चिताजनक: डा. गुप्ता
हृदय रोगों और कैंसर के बाद ब्रेन स्ट्रोक के केसों मेंवृद्धि चिताजनक: डा. गुप्ता

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

हृदय रोगों व कैंसर के बाद ब्रेन स्ट्रोक के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बड़े-बुजुर्ग ही नहीं, अब युवा भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। शराब के ज्यादा सेवन, धूम्रपान, वसा/चिकनाईयुक्त आहार, नशीले पदार्थ व बढ़ता वजन युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन रहा है। यह कहना है कि फोर्टिस अस्पताल मोहाली के एडीशनल डायरेक्टर प्रोफेसर डा. विवेक गुप्ता का। वे यहां निजी होटल में प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक में यदि समय से इलाज मिल जाए, तो मरीज ठीक हो सकता है। ब्रेन स्ट्रोक यानी मस्तिष्क का दौरा, दिमाग के किसी भाग में खून का प्रवाह रुक जाने, थक्का जमने या खून का दबाव बढऩे के कारण रक्त वाहिका फटने से होता है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाओं में आक्सीजन की कमी होने लगती हैं और वह नष्ट होने लगती हैं। इस कारण उस हिस्से का मस्तिष्क ढंग से काम करना बंद कर देता है। इसका असर अधरंग, सुन्नता, कमजोरी, चलने-फिरने व बोलने में परेशानी व लकवे के रूप में देखने को मिलता है। यदि शुरुआती स्तर पर मामला संभाल लिया जाए, तो मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है। डा. गुप्ता ने बताया कि उनके पास हाल ही में एक 87 वर्षीय मरीज ब्रेन स्ट्रोक के करीब 10 घंटे बाद पहुंचा था, जिसको दाहिने हिस्से में पूरी लकवा मार गया था। जांच में पता चला कि उसके मस्तिष्क में दाहिने हिस्से में रक्त की आपूर्ति रूक गई थी। मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी तकनीक से उसकी उक्त धमनी से खून के थक्के को हटा दिया गया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि फोर्टिस अस्पताल में मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी की सुविधा है। यहां पर 24 घंटे टीम तैयार रहती है। गंभीर स्ट्रोक के मरीजों के लिए अस्पताल द्वारा स्ट्रोक हेल्पलाइन 9815396700 भी शुरू किया गया है।

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