श्रमिक का बेटा खुद नहीं जा सका सेना में, अब तैयार कर रहा सैनिक, 65 का चयन
रोहित का सैनिक बनने का सपना नहीं पूरा हुआ तो उसने देश के लिए सैनिक तैयार करने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए काम शुरू कर दिया।
यमुनानगर [पोपीन पंवार]। सपने कभी मरते नहीं। केवल उनका रूप बदल जाता है। जैसे एक श्रमिक के बेटे रोहित का सैनिक बनने का सपना नहीं पूरा हुआ तो उसने देश के लिए सैनिक तैयार करने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए काम शुरू कर दिया। उसके तैयार किए गए युवाओं में से अब तक 65 का चयन हो चुका है।
हुआ यह कि रोहित के सैनिक बनने में लंबाई के आड़े आ गई। फिर भी रोहित ने हार नहीं मानी। सच्चा सिपाही हार कहां मानता है? वह सेना भर्ती के लिए युवाओं को तैयारी कराने लगा। अब सैनिकों के गुरु जी बन चुके रोहित यमुनानगर शहर के विष्णुनगर में रहते हैं, हालांकि वह मूलत: सहारनपुर (उप्र) के रहने वाले हैं।
...ताकि हासिल हो लक्ष्य
रोहित ने भर्ती के दौरान देखा कि जिनकी लंबाई पर्याप्त थी, उनमें से भी कई फिजिकल में रह गए थे। सो, घर आकर रनिंग ग्रुप बनाया। ग्रुप में शामिल युवाओं को प्रशिक्षण देना शुरू किया। इस समय रोहित 120 युवाओं को अभ्यास करा रहे हैं। अधिकतर युवा ग्रामीण क्षेत्रों के हैं।
तिगरा गांव के युवाओं से ली प्रेरणा
यमुनानगर के गांव तिगरा में रोहित की बुआ का घर है। यहीं रहकर उन्होंने पढ़ाई की। उनके पिता सोमपाल राणा इलेक्ट्रोनिक फैक्टरी में काम करते थे। तिगरा के काफी युवा फौज में हैं। यहां पर सैनिकों से जांबाजी की कहानियां सुनते थे। तब सोचा कि वह भी सेना में जाएंगे। सन 2007 में भर्ती के लिए दौड़ लगाना शुरू किया। वर्ष 2012 में भर्ती के लिए गए, लेकिन लंबाई कम होने के कारण असफल हो गए। इसके बाद सन 2014 में जब रनिंग ग्रुप बनाया। तब से अब तक हर भर्ती में उनके ग्रुप के युवा सफलता हासिल करते आ रहे हैं और यह क्रम लगातार जारी है।
सफल युवाओं ने बुलेट बाइक उपहार में दी
रोहित के ग्रुप के जिन 17 युवाओं ने 2019 में सेना ज्वाइन की है उन्होंने ट्रेनिंग पर जाने से पहले अपने गुरु जी को बुुलेट बाइक व एलसीडी उपहार में दी। ग्रुप के जो युवा सेना में है। छुट्टी पर आने के बाद वे भी अपने अनुभव युवाओं के बीच में शेयर करने के लिए आते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा सेना में पहुंचें। रोहित के रनिंग ग्रुप के सदस्य बढ़ते जा रहे हैं। 30 -30 युवाओं के चार बैच बनाए हैं। दो बैच की तैयारी वर्कशॉप मैदान, एक बैच की तेजली स्टेडियम और एक बैच की अंटावा स्टेडियम में तैयारी होती है। दो घंटे सुबह व शाम रनिंग, पुशअप, लांग जंप, हाई जंप व अन्य तरह के अभ्यास कराए जाते हैं।
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