जगाधरी सरल केंद्र में शुरू हुआ कार्य, पहले दिन बनी 40 आरसी

आरसी फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद करीब एक माह से बंद पड़ा था। अब यहां दोबारा काम शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 07:25 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 07:25 AM (IST)
जगाधरी सरल केंद्र में शुरू हुआ कार्य, पहले दिन बनी 40 आरसी
जगाधरी सरल केंद्र में शुरू हुआ कार्य, पहले दिन बनी 40 आरसी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

आरसी फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद करीब एक माह से बंद पड़ा दस्तावेजों का कार्य वीरवार से शुरू हो गया। पहले दिन 40 फाइलें पास की गई। फिलहाल बैंक लोन वाली फाइलें ही निकाली जा रही है। इसके साथ ही लर्निंग लाइसेंस बनाने का कार्य भी शुरू हो गया है। अब सभी गाड़ियों की फिजिकल वेरिफिकेशन होने के बाद ही दस्तावेज जारी किए जाएंगे। हालांकि इसकी वजह से दस्तावेज बनवाने में अधिक समय लग रहा है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है, लेकिन फर्जीवाड़ा न हो। इसलिए यह व्यवस्था की गई है।

उधर, इस फर्जीवाड़े में गिरफ्तार कंप्यूटर आपरेटर अमित, एमआरसी राजेंद्र डांगी व डीलर सुनील चिटकारा अभी रिमांड पर हैं। इनमें अमित व राजेंद्र डांगी का रिमांड शुक्रवार को पूरा हो जाएगा। इनमें आरोपित अमित को एसआइटी सेक्टर 17 थाने में दर्ज केस में फिर से रिमांड पर ले सकती है। एक माह से लंबित पड़ी है फाइल :

फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद से ही जगाधरी सरल केंद्र में वाहनों की आरसी नहीं बन रही थी। जिस वजह से काफी फाइलें जमा हो गई थी। ऐसे में सबसे अधिक दिक्कत उन लोगों को आ रही थी। जिन्होंने लोन पर गाड़ियां ली हुई हैं। इसलिए अब शुरूआत में बैंक लोन से संबंधित फाइलों को निपटाया जा रहा है। वाहनों की फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही दस्तावेज जारी किए जा रहे हैं। जबकि इससे पहले एजेंसी संचालक वाहनों के दस्तावेजों को वेरिफाई कर देते थे। जिसके बाद वाहन की फिजिकल वेरिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन अब फर्जीवाड़ा खुलने के बाद पुरानी व्यवस्था लागू कर दी गई है। कार्यवाहक एसडीएम जगाधरी सुशील कुमार ने बताया कि आरसी बनने का कार्य शुरू करा दिया गया है। पहले दिन 40 आरसी बनी हैं। वाहनों को रिकवर करने में लगी एसआइटी

फर्जीवाड़े के आरोपित अमित कुमार, राजेंद्र डांगी व डीलर सुनील चिटकारा से पूछताछ के बाद एसआइटी वाहनों को रिकवर करने में लगी है। जिन वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए हैं। उन्हें तलाशने के लिए टीमें लगी हुई है। अभी तक पूछताछ में सामने आया है कि यहां से वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कराए गए। इन वाहनों को दूसरे जिलों में बेचा गया। सबसे अधिक वाहन सोनीपत व रोहतक में बेचे गए, क्योंकि वहीं के डीलर अमित व राजेंद्र के संपर्क में थे। दो डीलरों सोनीपत निवासी कृष्ण व रोहतक निवासी रामनिवास की भी पुलिस को तलाश है। कई अन्य डीलरों पर भी एसआइटी की नजर है। उन्हें भी पूछताछ में शामिल किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी