डिलीवरी के लिए आई महिला की तबीयत बिगड़ी, रादौर से नर्स ने किया रेफर, जगाधरी अस्पताल में मौत

्रगर्भवती सोनी देवी रादौर के पोटली गांव में अपने मायके आई हुई थी। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के लिए सिविल अस्पताल रादौर लेकर गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 05:20 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 05:20 AM (IST)
डिलीवरी के लिए आई महिला की तबीयत बिगड़ी, रादौर से नर्स ने किया रेफर, जगाधरी अस्पताल में मौत
डिलीवरी के लिए आई महिला की तबीयत बिगड़ी, रादौर से नर्स ने किया रेफर, जगाधरी अस्पताल में मौत

संवाद सहयोगी, जगाधरी : सिविल अस्पताल जगाधरी में डिलीवरी के लिए आई 29 वर्षीय सोनी देवी की रविवार शाम मौत हो गई। गर्भवती सोनी देवी रादौर के पोटली गांव में अपने मायके आई हुई थी। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के लिए सिविल अस्पताल रादौर लेकर गए। लेकिन वहां पर एक भी डाक्टर नहीं था। नर्स ने बीपी (ब्लड प्रेशर) बढ़ने की बात कह उन्हें सिविल अस्पताल जगाधरी रेफर कर दिया। यहां पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। वहीं मृतका का कोरोना जांच के लिए सैंपल भी भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद पोस्टमार्टम होगा। अप्रैल में आई थी मायके

पोटली गांव निवासी 29 वर्षीय सोनी देवी की शादी 27 मार्च 2019 को करनाल के कुराली गांव निवासी कुलदीप से हुई थी। शादी के बाद वह गर्भवती हुई तो मायके वाले उसे अप्रैल में पोटली गांव ले आए। तब से उसका उपचार यहीं चल रहा था। मृतका की मां लाजवंती ने बताया कि सोनी की डिलीवरी इसी माह होनी थी। रविवार को उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। उससे चक्कर आने लगे। यह बात उसने आशा वर्कर को बताई तो वे उसे सरकारी अस्पताल रादौर ले गए। मां का आरोप विभाग की लापरवाही से गई बेटी की जान

लाजवंती का आरोप है कि वे करीब तीन बजे रादौर अस्पताल पहुंचीं तो रविवार होने के कारण कोई डाक्टर नहीं मिला। नर्स ने सोनी का चेकअप कर बताया कि उसका बीपी बढ़ा हुआ है। इसलिए वे इसे सिविल अस्पताल जगाधरी ले जाएं। वहां से उसे जगाधरी लेकर आए तो डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। यदि रादौर अस्पताल में डाक्टर होता तो बेटी की डिलीवरी वहीं हो जाती। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण उसकी बेटी की मौत हुई है। यदि किसी डाक्टर की ड्यूटी थी तो वह दोपहर को अस्पताल में क्यों नहीं था। इसकी जांच होनी चाहिए। लाजवंती का ये भी आरोप है कि उन्हें बेटी में खून की कमी के बारे में डाक्टर ने पहले कभी नहीं बताया था। वहीं सोनी देवी की मौत का समाचार सुनते ही उसका पति व ससुराल वाले अस्पताल पहुंच गए। महिला में खून की कमी थी : विजय परमार

रादौर अस्पताल के एसएमओ डा. विजय परमार का कहना है कि सोनी देवी 20 जून को अस्पताल में चेकअप के लिए आई थी। टेस्ट करने पर उसमें केवल छह ग्राम खून पाया गया। उसे बताया था कि खून की कमी से उसे डिलीवरी के दौरान ज्यादा दिक्कत हो सकती है। तब उसे सलाह दी गई थी कि वह खून बढ़ाने की गोलियां खा ले या फिर सिविल अस्पताल जगाधरी में जाकर खून चढ़वा ले। परंतु उसने खून चढ़वाने से मना कर दिया था। अस्पताल से उसे खाने को गोलियां दी थी। अस्पताल में 24 घंटे डाक्टर की रहते हैं। रविवार को तो महिला डाक्टर समेत दो डाक्टरों की ड्यूटी थी। इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है।

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