रेट निर्धारित किए जाने के विरोध में निजी एंबुलेसों के थमे पहिए, 108 पर बढ़ी कॉल

प्राइवेट एंबुलेंस का रेट निर्धारित किए जाने के विरोध में चालकों ने प्रदर्शन किए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 08:12 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 08:12 AM (IST)
रेट निर्धारित किए जाने के विरोध में निजी एंबुलेसों के थमे पहिए, 108 पर बढ़ी कॉल
रेट निर्धारित किए जाने के विरोध में निजी एंबुलेसों के थमे पहिए, 108 पर बढ़ी कॉल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

प्राइवेट एंबुलेंस का रेट निर्धारित किए जाने के विरोध में चालक बुधवार को हड़ताल पर रहे। जिससे मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। इसका असर सरकारी सेवा 108 हेल्पलाइन पर पड़ा। यहां पर शाम पांच बजे तक 73 कॉल रिसीव हुई। आमतौर पर यह संख्या 50 से 55 के बीच रहती थी। जिले की बात करें, तो यहां पर 36 निजी एंबुलेंस हैं। वहीं मरीजों के एंबुलेंस के लिए चालकों के पास कॉल आते रहे। एक चालक के पास से 10 से 15 कॉल बुधवार को आए। हालांकि चालकों ने मरीजों को 108 पर कॉल करने के लिए कहा।

दरअसल, सरकार को निजी एंबुलेंस चालकों द्वारा मरीजों से अधिक पैसे वसूले जाने की सूचना मिल रही थी। कोविड महामारी को देखते हुए सरकार ने प्राइवेट एंबुलेंस आपरेटरों का किराया निर्धारित कर दिया। जिसमें छोटी एंबुलेंस का किराया सात रूपये प्रति किलोमीटर और एंबुलेंस एसीएलएस का किराया 15 रुपये प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है। इसको लेकर ही निजी एंबुलेंस चालकों का विरोध है। आल प्राइवेट एंबुलेंस वेलफेयर एसोसिएशन के गुरप्रीत सिंह, नवीन, संजीव कुमार, विनित, करनैल सिंह का कहना है कि प्राइवेट एंबुलेंस आपरेटर की गाड़ियां टेंपो ट्रैवलर फोर्स की होती है। जो करीब 30 लाख रुपये की होती है। सभी एंबुलेंस लोन पर होती हैं। जो किराया सरकार ने निर्धारित किया है। उससे लागत नहीं निकल पाएगी। ऑक्सीजन और दूसरी सुविधाएं एंबुलेंस के अंदर दी जाती है। घंटों तक एक मरीज को एडमिट कराने के लिए अस्पतालों के बाहर खड़ा रहना पड़ता है। इस दौरान एंबुलेंस स्टार्ट रहती है। इसलिए इस निर्धारित किए गए किराये में एंबुलेंस नहीं चल सकती।

एनएचएम डायरेक्टर से हुई बैठक :

आल प्राइवेट एंबुलेंस वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव व जिला प्रधान बलजिद्र सिंह ने बताया कि बुधवार को पंचकूला में एनएचएम डायरेक्टर के साथ बैठक हुई है। जिसमें उन्होंने रेट रिवाइज कराने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि एंबुलेंसों के सभी दस्तावेज पूरे रखने होंगे। यदि किसी चालक या एंबुलेंस के दस्तावेज पूरे नहीं है, तो उन पर डीसी या आरटीए की ओर से कार्रवाई भी की जा सकती है।

सभी मरीजों को दी सुविधा :

फ्लीट मैनेजर सचिन शर्मा का कहना है कि बुधवार को कॉल अधिक आई। सभी मरीजों के लिए गाइडलाइन के तहत एंबुलेंस की व्यवस्था की गई और उन्हें अस्पतालों तक भिजवाया गया।

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