पंचायतें भंग क्या हुई, बदसूरत हो गए गांव

कार्यकाल खत्म होने के बाद पंचायतें क्या भंग हुई साफ सुथरे गांव भी बदसूरत हो गए। पांच माह से गांवों की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई। गांवों में गंदगी के ढेर लग चुके हैं। जो कर्मचारी पहले दिनभर सफाई करते थे वह अब बार-बार फोन करने पर भी गांव में नहीं आते। यह हालात तब से हुए हैं जब से सरकार ने बीडीपीओ को पंचायत का प्रशासक नियुक्त किया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:33 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:33 AM (IST)
पंचायतें भंग क्या हुई, बदसूरत हो गए गांव
पंचायतें भंग क्या हुई, बदसूरत हो गए गांव

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कार्यकाल खत्म होने के बाद पंचायतें क्या भंग हुई साफ सुथरे गांव भी बदसूरत हो गए। पांच माह से गांवों की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई। गांवों में गंदगी के ढेर लग चुके हैं। जो कर्मचारी पहले दिनभर सफाई करते थे वह अब बार-बार फोन करने पर भी गांव में नहीं आते। यह हालात तब से हुए हैं जब से सरकार ने बीडीपीओ को पंचायत का प्रशासक नियुक्त किया है। सभी बीडीपीओ गांवों को संभालने में पूरी तरह से विफल साबित हुए। बीडीपीओ का ध्यान गांवों में साफ सफाई पर बिल्कुल भी नहीं है। फरवरी में खत्म हो गया था सरपंचों का कार्यकाल :

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल फरवरी माह में खत्म हो गया था। जब से कार्यकाल खत्म हुआ है तब से सरपंच चाह कर भी गांवों में कोई काम नहीं करवा पा रहे। जब सरपंच थे तो लोग उन्हें कह कर गांव में सफाई करवा लेते थे। यदि कहीं नाली जाम है तो उसे ठीक करवा दिया जाता था। इसके अलावा गांवों में पक्की गलियां, नालियों का निर्माण व अन्य कार्य आसानी से हो जाते थे। पांच माह से गांवों में होने वाले विकास कार्य पूरी तरह से लटक गए हैं। यहां तक की जिन कार्यों का बजट आया हुआ था वह भी प्रशासक शुरू नहीं करवा पाए। नालों की सफाई तक नहीं हुई :

मानसून सीजन चल रहा है परंतु इस बार प्रशासन गांवों में बड़े नालों की सफाई तक नहीं करवा पाए। कस्बा बिलासपुर की ग्राम पंचायत 20 वार्ड हैं। यहां की आबादी भी 10 हजार से अधिक है। परंतु ज्यादातर नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। जबकि हर साल बरसात के दिनों में यहां जलजमाव होता है। जिससे लोगों का काफी नुकसान होता है। कस्बा के आंबेडकर नगर निवासी आशु, हैप्पी, राजीव का कहना है कि पांच माह से एक भी सफाईकर्मी नालियों की सफाई करने नहीं आया है। सफाईकर्मी कहते हैं कि बीडीपीओ जहां उनकी ड्यूटी लगाएंगे वह तो वहीं सफाई करेंगे। गंदगी से नालियां अट चुकी हैं। पानी भी गलियों में फैल रहा है। व्यवस्था सुधारनी चाहिए : सर्वजीत सिंह

जिला सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान सर्वजीत सिंह का कहना है कि यह सही है कि पांच माह से सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। इसके अलावा गांवों में एक नए पैसे का काम भी नहीं हुआ। सरपंचों के पास कोई भी काम करने की पावर नहीं है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि वह बीडीपीओ को सफाई व्यवस्था सुधारने के आदेश दें।

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