कचरा प्रबंधन के टेंडर पर गरमाई सियासत, भाजपा समेत 16 पार्षदों ने लिखा सीएम को पत्र

प्रबंधन के नाम पर घालमेल का आरोप लगाते हुए विपक्ष व भाजपा एक मंच पर आ गए हैं और टेंडर का रद करने की मांग पर अड़ गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 05:08 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 05:08 AM (IST)
कचरा प्रबंधन के टेंडर पर गरमाई सियासत, भाजपा समेत 16 पार्षदों ने लिखा सीएम को पत्र
कचरा प्रबंधन के टेंडर पर गरमाई सियासत, भाजपा समेत 16 पार्षदों ने लिखा सीएम को पत्र

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

कैल प्लांट में पड़े कचरे के प्रबंधन के लिए लगाए गए 16 करोड़ 75 लाख करोड़ रुपये के टेंडर पर अब सियासत गरमा गई है। प्रबंधन के नाम पर घालमेल का आरोप लगाते हुए विपक्ष और भाजपा पार्षद एक मंच पर आ गए हैं। सभी टेंडर रद करने की मांग पर अड़े हैं। उधर, मामले की शिकायत सीएम मनोहर लाल और स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज को भी भेजी गई है। आरोप है कि साइट पर पड़े कचरे का मूल्यांकन गलत तरीके से और अस्पष्ट मापदंडों के अनुरूप हुआ है। इसमें बड़ी धांधली की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सवाल यह उठ रहा है कि पार्षदों के विरोध के बावजूद अधिकारी इस टेंडर में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं। जबकि कचरा प्रबंधन को लेकर अब से पहले कई प्लानिग फाइलों तक ही सीमित रह गई। यह है अधिकारियों की योजना

वर्ष-2014 से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बंद है। इसको चलाए जाने को लेकर कई बार योजनाएं बनीं, लेकिन सिरे नहीं चढ़ पाई। अब यहां कचरे के पहाड़ बन गए। कैल प्लांट में पड़े कचरे के प्रबंधन के लिए 16 करोड़ 17 लाख रुपये खर्च करने की योजना बनी। इसके लिए टेंडर लगा दिया गया। इसके बाद पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया। इस संदर्भ में कुछ पार्षद गत दिनों मेयर मदन चौहान से भी मिले थे। अब मामले की शिकायत सीएम को भेजी गई है। एस्टीमेट बता रहे ज्यादा

कैल प्लांट में पड़ा पूरा कचरा उठाने और इस जगह को साफ करने का टेंडर निजी कंपनी को दिए जाने की प्लानिग चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि कचरे को उठाए जाने के साथ-साथ इसकी छंटनी भी की जाएगी। उधर, पार्षद आरोप लगा रहे हैं कि जितना एस्टीमेट इस कार्य के लिए बनाया गया है, उतने पैसे का यह काम नहीं है। अन्य नगर निगमों का भी दिया हवाला

पार्षदों का कहना है कि न केवल यमुनानगर बल्कि अन्य नगर निगमों में भी इसी तरह सरकारी खजाने के दुरुपयोग की तैयारी चल रही है। कचरा उठाने के टेंडर लगा दिए गए हैं और आजकल में इसको फाइनल किया जा सकता है। उनका कहना है कि इस मामले की गहनता से जांच की जानी चाहिए उसके बाद ही टेंडर फाइनल किया जाए ताकि सरकारी पैसे का दुरुपयोग न हो। पार्षदों ने ये रखी मांगें

वार्ड-2 से पार्षद प्रवीण शर्मा, पांच से विनय शर्मा, 19 से उषा रानी, 11 से संकेत कुमार, सात से राम आसरा, एक से संजय कुमार, 21 से अभिषेक शर्मा, नौ से भावना, छह से प्रीती जौहर, 14 से रिया, वार्ड-3 से हरमीन कौर, आठ से विनोद मरवाह, 10 से सुरेंद्र शर्मा, 18 से कुसुम लता, 22 से सविता कांबोज ने सीएम मनोहर लाल को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। मांग है कि हरियाणा के सभी नगर निगमों लगे इन टेंडरों को तुरंत प्रभाव के साथ वापस लिया जाए। मानकों के अनुरूप ही टेंडर लगाया गया है। इसमें किसी तरह की अनियमितता नहीं है। यह योजना पूरी तरह शहर के हित में बन रही है।

धर्मवीर सिंह, कमिश्नर, नगर निगम।

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