बुराई पर अच्छाई की जीत : शहर से गांव तक धूं-धूकर जले रावण के पुतले

बुराई पर अच्छाई का प्रतीक विजय दशमी का पर्व शुक्रवार को जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में कई जगहों पर रावण मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन हुआ। पुतले जलाने से पहले लोगों ने खूब आतिशबाजी की। सबसे बड़े पुतले बिलासपुर व साढौरा में ही जलाए गए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:48 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:48 AM (IST)
बुराई पर अच्छाई की जीत : शहर से गांव तक धूं-धूकर जले रावण के पुतले
बुराई पर अच्छाई की जीत : शहर से गांव तक धूं-धूकर जले रावण के पुतले

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बुराई पर अच्छाई का प्रतीक विजय दशमी का पर्व शुक्रवार को जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में कई जगहों पर रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन हुआ। पुतले जलाने से पहले लोगों ने खूब आतिशबाजी की। सबसे बड़े पुतले बिलासपुर व साढौरा में ही जलाए गए। दोनों ही जगह पर करीब 40 फुट के पुतले तैयार किए गए थे। इसके अलावा जगाधरी के रामलीला भवन में तीनों के पुतले छोटे कद के बनाए गए थे।

साढौरा में शोभायात्रा भी निकली

साढौरा में रावण का पुतला जलाने से पहले भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। जिसमें कलाकार राम लक्ष्मण, सीता, हनुमान, रावण की वेशभूषा में नजर आए। श्रीराम के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। इसके बाद शोभायात्रा वहां पहुंची जहां पर रावण का पुतला खड़ा किया गया था। परंपरा के तौर पर यहां पर रावण व राम का भीषण युद्ध होता है। अंत में रावण श्रीराम के हाथों मारा जाता है। इसी के साथ ही राम रावण के पुतले का दहन करते हैं।

बिलासपुर में पूर्व विधायक ने की पूजा

बिलासपुर में दशहरा के अवसर पर श्री वेद व्यास रामलीला क्लब की ओर से रावण दहन किया गया। कोविड के नियमों का पालन कर पूरा कार्यक्रम किया गया। साढौरा के पूर्व विधायक बलवंत सिंह ने राम, लक्ष्मण, सीता व हनुमान की पूजा अर्चना की। इसके पश्चात विधिवत तरीके से रावण के पुलते का दहन किया गया। पुलते को देखने के लिए शुक्रवार सुबह से ही भारी भीड़ जमा रही। चेयरमैन विपिन सिगला ने कहा कि त्यौहार अपने जन्म काल से लेकर अब तक उसी पवित्रता और सात्विकता की भावना को संजोए हुए हैं। मौके पर क्लब के प्रधान सूरजभान सैनी, चंद्रमोहन कटारिया, मुकेश बंसल, अरूण डंडाल, रोहित सिगला, यदु बंसल, प्रमेाद वर्मा, राजेश गर्ग, दीपक भारद्वाज, दीपक छाबड़ा मौजूद रहे।

भीड़ को काबू नहीं कर सका प्रशासन

जगाधरी वर्कशाप में श्रीराम कला केंद्र उत्तर रेलवे जगाधरी वर्कशाप की तरफ से रावण का पुतला तैयार कराया गया था। परंतु अनुमति नहीं मिलने के कारण पुतला ऐसे ही धरा रह गया। पुतला तैयार करने वाले कर्मचारी मोहम्मद सद्दाम अपना सामान इकट्ठा करके वापस लौट गए। रेलवे ग्राउंड के बाहर इतनी भीड़ उमड़ी की सड़कों पर पांव रखने तक की जगह नहीं थी। प्रशासन ने पुतला जलाने की अनुमति इसलिए नहीं दी थी कि मौके पर 200 लोगों से ज्यादा की भीड़ नहीं आनी चाहिए। परंतु प्रशासन ने भीड़ को कंट्रोल करने का कोई इंतजाम नहीं किया। यहां पहुंचे जयपाल, राहुल, विवेक व मोहित ने बताया कि देशभर में पुतले जलाए। परंतु जिला प्रशासन ने यहां अनुमति न देकर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। यदि इतनी ही भीड़ यहां जुटानी थी तो पुतले का दहन भी करवा देते।

बाजारों में रही जाम की स्थिति

शहर में दहशरे पर बड़े आयोजन न होने के बावजूद बाजारों में खूब भीड़ उमड़ी, दशहरा ग्राउंड के पास, माडल टाउन, नेहरू पार्क के पास, ओपी जिदल पार्क के पास, खालसा कालेज रोड पर दोपहर बाहर से लेकर देर शाम तक जाम की स्थिति रही। सड़कों किनारे लगी दुकानों पर लोगों ने जमकर खरीदारी की। रामलीला भवन कमेटी के सचिव रोहित गर्ग ने बताया कि परिसर में 16 फीट के रावण, 14 फीट के कुंभकर्ण व 12 फीट के मेघनाथ का पुतला बनाया गया। मौके पर प्रधान गोपाल मित्तल, सुशील गर्ग, अनुज, राकेश सिघला, अश्विन गोयल, रामेश्वर चौहान, मैनेजर अंकुर महेश्वरी, विनोद गुप्ता व अन्य लोग उपस्थित रहे।

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