अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और ईको मशीन खराब, लौट रहे मरीज

मरीजों को बाहर महंगे दामों पर टेस्ट कराने पड़ रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत गर्भवती महिलाओं को आ रही है। उनको भी बाहर ही निजी केंद्रों पर जाना पड़ रहा है। ईको मशीन तो कई माह से खराब पड़ी है। उस पर पर्दा ढ़ककर रखा गया है। देखरेख के अभाव में इन मशीनों में खराबी आने की बात कही जा रही है। सिविल अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को निशुल्क टेस्ट की सुविधा मिलती है। महीने की हर नौ तारीख को निशुल्क कैंप लगाकर भी जांच की जाती है। जब से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी है। यह जांच भी नहीं हो रही है। इलाज

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 05:25 AM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:18 AM (IST)
अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और ईको मशीन खराब, लौट रहे मरीज
अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और ईको मशीन खराब, लौट रहे मरीज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड व ईको मशीन करीब ढाई माह से खराब पड़ी है। जिसकी वजह से मरीजों को बाहर महंगे दामों पर टेस्ट कराने पड़ रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत गर्भवती महिलाओं को आ रही है। उनको भी बाहर ही निजी केंद्रों पर जाना पड़ रहा है। ईको मशीन तो कई माह से खराब पड़ी है। उस पर पर्दा ढककर रखा गया है। देखरेख के अभाव में इन मशीनों में खराबी आने की बात कही जा रही है।

सिविल अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को निशुल्क टेस्ट की सुविधा मिलती है। महीने की हर नौ तारीख को निशुल्क कैंप लगाकर भी जांच की जाती है। जब से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी है। यह जांच भी नहीं हो रही है। इलाज कराने के लिए आने वाली महिलाओं को भी बाहर से जांच कराने के लिए लिख दिया जाता है। जिससे उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है। सिविल अस्पताल की बात करें, तो हर रोज औसतन 35 से 40 टेस्ट होते हैं, लेकिन अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी है, तो यह सुविधा नहीं मिल रही है।

70 लाख रुपये की लागत से लगी थी मशीन :

अल्ट्रासाउंड मशीन करीब 70 लाख रुपये की लागत से लगाई गई थी, लेकिन कर्मचारियों ने इसकी देखरेख नहीं की। जिस वजह से मशीन के पार्ट खराब हो गए। अब अधिकारी भी इस मशीन को ठीक कराने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। मरीजों को यहां से बाहर भेज दिया जाता है। यहीं हालात ईको मशीन के भी है। इसे एक कमरे में कपड़ा डालकर रखा गया है। हार्ट के मरीजों की भी जांच नहीं हो रही है। उधर, ईएसआइ में अल्ट्रासाउंड मशीन है, लेकिन यहां पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। सप्ताह में दो बार करनाल से एक चिकित्सक की ड्यूटी लगी है। वह भी अक्सर छुट्टी पर रहती है। ईएसआइ अस्पताल से टाइअप पर करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन वह भी सिरे नहीं चढ़ सकी। कोट्स :

अल्ट्रासाउंड व ईको मशीन को ठीक कराने के लिए बजट की डिमांड भेजी गई है। जैसे ही बजट मिल जाएगा, तुरंत मशीन ठीक करा दी जाएगी।

-डॉ. मनजीत सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।

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