दो साल पहले पीडब्ल्यूडी ने बना दिया पुल, अब एक्सईएन बोले सड़क के लिए नहीं मिल रही जमीन, नौ करोड़ का प्रोजेक्ट अटका
गांव शाहपुर से छछरौली के पहाड़ी तक बनने वाली सड़क वन विभाग व पीडब्ल्यूडी के बीच उलझ कर रह गई है। अन्य कार्यों की तरह यह योजना भी जमीन ट्रांसफर व एनओसी के फेर में फंस गई है। जिस सड़क की मंजूरी के लिए लोग पहले नेताओं व अधिकारियों के आगे पीछे घूम रहे थे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
गांव शाहपुर से छछरौली के पहाड़ी तक बनने वाली सड़क वन विभाग व पीडब्ल्यूडी के बीच उलझ कर रह गई है। अन्य कार्यों की तरह यह योजना भी जमीन ट्रांसफर व एनओसी के फेर में फंस गई है। जिस सड़क की मंजूरी के लिए लोग पहले नेताओं व अधिकारियों के आगे पीछे घूम रहे थे। वह अब उस काम को पूरा कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हो गए हैं। पीडब्ल्यूडी ने बिना एनओसी लिए बरसाती नदी के ऊपर पुल तो बना दिया है, लेकिन सड़क बनाने के लिए वन विभाग अब एनओसी नहीं दे रहा। वन विभाग जमीन के बदले जमीन मांग रहा है, लेकिन पीडल्यूडी को ऐसी जमीन नहीं मिल रही जो ट्रांसफर की जा सके। क्षेत्रवासियों की मांग है कि इस समस्या का हल निकाला जाए।
दो साल से अटका साढ़े नौ करोड़ का प्रोजेक्ट : प्रभावित नरेश कुमार, कपिल कुमार, रविद्र, सुनील व अन्य का कहना है कि दो साल से साढ़े नौ करोड़ का यह प्रोजेक्ट लटका हुआ है। जमीन दिए बिना ही लोक निर्माण विभाग इस जमीन पर पुल बना दिया हैं। गांव लेदी, हडौली, खानपुर, लेदा खादर, लोप्यो, सलेमपुर आदि गांव के लोगों को छछरौली आने के लिए हाईवे से घूमकर आना पड़ता है। जिससे उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसलिए क्षेत्र के ग्रामीणों ने मांग रखी थी कि छछरौली पहाड़ी गेट से शाहपुर तक कच्चा रास्ता निकला हुआ है। यह वन विभाग की जमीन से जाता है। जिसका प्रयोग ग्रामीण करते हैं। इसलिए यहां पर पक्का रोड बनाया जाए। सरकार ने इस रोड को बनाने की मंजूरी दे दी थी। करीब दो किमी के इस रोड के लिए साढ़े नौ करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया। दो साल पहले निर्माण कार्य शुरू करते हुए पुल तो बना दिया था, लेकिन सड़क अभी एक इंच भी नहीं बनी है। वन विभाग को दूसरी जगह देनी थी इतनी ही जमीन :
किसी निर्माण कार्य के लिए यदि वन विभाग की जमीन का प्रयोग किया जाता है तो संबंधित विभाग को उतनी ही जमीन किसी दूसरी जगह देनी पड़ती है। ताकि नई जगह पर पेड़ लगाकर पर्यावरण संतुलन व हरियाली को बरकरार रखा जा सके। ऐसा ही इस मामले में भी हुआ है। जहां से यह सड़क निकलनी है वह छह एकड़ जमीन वन विभाग की है। इसलिए वन विभाग को इतनी ही जमीन पीडब्ल्यूडी ने देनी है। पहले विभाग ने शाहपुर में जमीन तलाशी, लेकिन वह विवादित निकली। इसके अलावा जिले में इस तरह की कोई जमीन नहीं मिल सकी। जिस वजह से प्रोजेक्ट अटका हुआ है। ऐसे में जब तक वन विभाग को कहीं और जमीन नहीं दी जाती तब तक सड़क का निर्माण पूरा होना मुश्किल है। सड़क के रास्ते में गुरुद्वारा :
छछरौली पहाड़ी गेट से शाहपुर तक जो सड़क बननी है वहां वन विभाग के पेड़ खड़े हैं। इसी रास्ते के साथ एक गुरुद्वारा भी है। जिस पर छछरौली के साथ-साथ आसपास के काफी श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसलिए भी लोगों ने इस कच्ची सड़क को पक्का कराए जाने की मांग की थी। इस सड़क पर सोम नदी के ऊपर से पुल का भी निर्माण होना था। लोक निर्माण विभाग ने करीब दो अभी जमीन नहीं मिली है : राजकुमार
पीडब्ल्यूडी एक्सईएन राजकुमार का कहना है कि जितनी जमीन वन विभाग से ली है उतनी ही कहीं और विभाग को वापस देनी है। इसके लिए नारायणगढ़ में जमीन देखी थी लेकिन उस पर पहले से ही किसी का कब्जा है। मुख्यालय स्तर पर इस पर काम चल रहा है। कहीं और भी जमीन देखी जा रही है।