सरस्वती नदी के बहाव में बाधाएं होंगी दूर, पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा क्षेत्र: भारत भूषण
सरस्वती नदी में पानी का बहाव और क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सरस्वती नदी में पानी का बहाव और क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार काफी प्रयासरत है। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर डैम और काठगढ़ गांव में बैराज बनाने की योजना पर काम चल रहा है। ताकि आसपास की नदियों में बाढ़ का कारण बनने वाले पानी के बहाव को नियंत्रित किया जा सके और इसको सरस्वती नदी में डाइवर्ट किया जा सके। इसके अलावा रिजर्व वायर बनाने की भी योजना है। यह प्रोजेक्ट पर केंद्रीय जल आयोग के पास विचाराधीन है। इस पर जल्दी ही निर्णय हो जाएगा। सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी व नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर भारत भूषण कौशिक ने दैनिक जागरण संवाददाता संजीव कांबोज से विशेष बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। सवाल : लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी को धरा पर लाने के लिए सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना बनाई। खोदाई भी शुरू हो गई, लेकिन आज तक नदी में पानी का बहाव नहीं हो पाया। इसके पीछे क्या कारण मानते हैं? जवाब : सरस्वती नदी में पानी के निरंतर बहाव के लिए महत्वपूर्ण परियोजना पर काम चल रहा है। सरकार का इस ओर विशेष ध्यान है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश व हरियाणा की सीमा पर डैम व काठगढ़ गांव में बैराज बनाए जाने की योजना पर काम चल रहा है। सीएम स्वयं इस परियोजना पर गंभीर हैं। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जल्दी ही हरी झंडी मिल जाएगी। हिमाचल प्रदेश सरकार से भी बात चल रही है। सवाल : सरस्वती की खोदाई अधर में है। कहीं गांवों में दिशा स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
जवाब : हमने 14 ऐसे गांव चिह्नित किए हैं, जिनके किसानों की जमीन सरस्वती नदी के आसपास लगती है। इन किसानों से बात करेंगे। या तो किसानों को दूसरी जगह जमीन देकर नदी के साथ लगती जमीन ली जाएगी या फिर कोई और समाधान निकाला जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर बात चल रही है। सवाल : क्षेत्र में ऐसे कई धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल अनदेखी का शिकार हैं। क्या इनको विकसित किए जाने की योजना है।
जवाब : जी हां, बिल्कुल इस योजना पर काम चल रहा है। वन विभाग की ओर से एक रोडमैप भी तैयार किया गया है। हमारा प्रयास है कि इन स्थलों पर बेहतर सुविधाएं दी जाएं ताकि पर्यटकों को परेशानी न हो। सवाल : निगम क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन को कब्जों से मुक्त करवाने की आपने पहल की थी, लेकिन सात वार्डों में ही जमीन चिह्नित हो पाई। जवाब : कोरोना के चलते परिस्थिति बदल गई थी। काम रोकना पड़ा, अब जल्दी ही अन्य सभी वार्डो में नगर निगम की जमीन को चिह्नित कर तारबंदी करवाई जाएगी। सवाल : शहर में ऐसे काफी निजी खाली प्लॉट पड़े हैं जिनमें कचरा डाला जा रहा है।
जवाब : ऐसे प्लॉट धारकों को समय-समय पर नोटिस दिए जाते हैं। ऐसे प्लॉट भी हैं जिनके मालिक का नाम ही नहीं पता। ऐसे प्लॉटों पर निगम की ओर से बोर्ड लगातार आगाह किया जाएगा। सवाल : शहर में कचरा उठान की गति धीमी है। खासतौर पर निगम में शामिल हुए गांवों से कई-कई दिन तक कचरा नहीं उठता।
जवाब : सफाई व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं।