स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में नहीं हो पा रहा सुधार, शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा

शहर में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। विभिन्न कालोनियों की सड़कों के साथ-साथ एनएच पर भी लाइटें खराब पड़ी हैं। यहां शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है। सड़कों में गड्ढे होने के कारण परेशानी और भी बढ़ जाती है। आरोप यह भी लग रहे हैं कि शिकायत किए जाने के एक-एक माह तक लाइटों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। निगम कार्यालय में 80-100 शिकायतें हर दिन पहुंच रही हैं। हालांकि सभी लाइटों को एलइडी में कन्वर्ट किए जाने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन यह यूएलबी के स्तर पर है। निगम एरिया में करीब 25 हजार स्ट्रीट लाइटों के प्वाइंट हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:22 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:22 AM (IST)
स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में नहीं हो पा रहा सुधार, शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा
स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में नहीं हो पा रहा सुधार, शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। विभिन्न कालोनियों की सड़कों के साथ-साथ एनएच पर भी लाइटें खराब पड़ी हैं। यहां शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है। सड़कों में गड्ढे होने के कारण परेशानी और भी बढ़ जाती है। आरोप यह भी लग रहे हैं कि शिकायत किए जाने के एक-एक माह तक लाइटों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। निगम कार्यालय में 80-100 शिकायतें हर दिन पहुंच रही हैं। हालांकि सभी लाइटों को एलइडी में कन्वर्ट किए जाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन यह यूएलबी के स्तर पर है। निगम एरिया में करीब 25 हजार स्ट्रीट लाइटों के प्वाइंट हैं। अधिकांश लाइटें खराब बताई जा रही हैं। इनसेट

यहां अधिक स्थिति खराब

बिलासपुर रोड पर करीब 60 लाइटें हैं। इनमें से अधिकांश लाइटें लंबे समय से खराब हैं। पुराना नेशनल हाइवे पर भी लाइटें ठीक नहीं हैं। कुछ लाइटें पेड़ों की टहनियों में छिपकर रह गई हैं। बाइपास चौक से लेकर यमुना पुल तक भी लाइटों की व्यवस्था नहीं हैं। इस मार्ग से तो लाइटों के पोल भी गायब हो गए हैं। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र, हमीदा कालोनी, जम्मू कालोनी, माडल कालोनी, माडल टाउन, कैंप एरिया, बैंक कालोनी, बिलासपुर रोड, सहारनपुर रोड, गोविदपुरा रोड, माया कालोनी, आजाद नगर, चौधरी कालोनी, दशमेश कालोनी, जसवंत कालोनी, लाजपत नगर, राजीव गार्डन, गंगा नगर, दुर्गा गार्डन में भी अधिकांश लाइटें खराब पड़ी हैं। इनसेट अब यह लिया निर्णय

खराब हुई लाइटों की रिपेयर के लिए सामान ठेकेदार उपलब्ध कराएगा। इसके लिए टेंडर लगाया गया है। रिपेयर का काम खुद निगम की ओर से करवाया जाएगा। टेंडर में शर्तों के मुताबिक ठेकेदार को समय पर सामान उपलब्ध करवाना होगा। यदि आर्डर किए जाने के 48 घंटे तक सामान उपलब्ध नहीं होगा तो 50 रुपये प्रति प्वाइंट व पांच दिन तक उपलब्ध न होने पर 100 रुपये तक जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। इसलिए ठेकेदार के लिए पर्याप्त स्टाक रखना भी जरूरी है। इनसेट यहां कुछ चोरी हुए कुछ टूटे पोल

विश्वकर्मा चौक से लेकर जोड़ियों नाके तक तीन वर्ष पहले लाइटें लगाई गई थीं। ये लाइटें शुरू से ही सवालों के घेरे में रही हैं। सभी लाइटें आज तक जली ही नहीं हैं। सड़क हादसों के दौरान हल्की टक्कर से एल्युमीनियम के पोल झुक जाते हैं, वहीं काफी पोल चोरी हो चुके हैं। इस मार्ग पर वाहनों का दबाव अधिक है। जिले के साथ-साथ उप्र, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ आने-जाने वाले वाहनों का तांता लगा रहता है। साइडों में दुकानदारों ने अतिक्रमण किया हुआ है, लेकिन लाइटें खराब होने के कारण रात को सड़क पर अंधेरा पसरा रहता है। ऐसे में हादसों की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इनसेट

व्यवस्था में हो सुधार

वार्ड तीन से पार्षद हरमीन कौर का कहना है कि उनके वार्ड में आज तक एक भी नई लाइट नहीं लगी है। पुरानी लगभग सभी लाइटें खराब हैं। ढाई साल के कार्यकाल में एक भी लाइट वार्ड में नहीं लग पाई। जबकि कई बार मांग की जा चुकी है। वार्ड 22 से पार्षद सविता कांबोज का कहना है कि उनके वार्ड में स्ट्रीट लाइटों का बुरा हाल है। देखरेख करने वाला कोई नहीं है। जो खराब हैं उनकी रिपेयर नहीं की जा रही है। ऐसी लाइटों की संख्या भी कम नहीं है जो दिनरात जलती रहती हैं। वार्ड- 13 से पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि स्ट्रीट लाइटों में निगम में बड़ा घालमेल चल रहा है। लाइटों की क्वालिटी भी ठीक नहीं है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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