किताबों की राशि खाते में डालने का अध्यापकों ने किया विरोध, बोले महंगे दाम पर बेचेंगे प्रकाशक

हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ यमुनानगर की मीटिग की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:50 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:50 AM (IST)
किताबों की राशि खाते में डालने का अध्यापकों ने किया विरोध, बोले महंगे दाम पर बेचेंगे प्रकाशक
किताबों की राशि खाते में डालने का अध्यापकों ने किया विरोध, बोले महंगे दाम पर बेचेंगे प्रकाशक

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ यमुनानगर की मीटिग खंड जगाधरी प्रधान संजीव भागल व जिला महासचिव विजेंद्र कुमार की अध्यक्षता में जगाधरी में हुई।

संजीव भागल, विजेंद्र कुमार, रवि नागरा, कमल, किरण, शशि भूषण ने कहा कि शिक्षा विभाग की कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को किताबों के लिए 200 से 300 रुपये देने की योजना है। विभाग द्वारा यह राशि विद्यार्थियों के बैंक खातों में भेजने की योजना है। यह राशि बहुत कम है। जबकि इससे पहले बच्चों की वर्दी, एससी, बीसी की प्रोत्साहन राशि काफी समय से सभी बच्चों के बैंक खातों में अभी तक जमा नहीं हो पाई है। बच्चों के खातों में किताबों की राशि जमा कराने का निर्णय विभाग के नए शैक्षणिक सत्र की तैयारियों की पोल भी खोलता नजर आ रहा है। इससे साबित होता है कि विभाग ने नए सत्र के लिए किताबों की छपाई के लिए कोई भी प्रक्रिया नहीं अपनाई है। अब नया सत्र शुरू होने जा रहा रहा है तो आनन फानन में बच्चों के बैंक खाते में किताबों की राशि भेजने की बात कही जा रही है। विभाग के इस निर्णय से निजी प्रकाशक अभिभावकों से किताबों से मनचाहा पैसा वसूल करेंगे। जिन बच्चों के बैंक खातों में यह राशि समय पर नहीं पहुंच पाएगी उनके अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक भार होगा। हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ विभाग के उस निर्णय का कड़ा विरोध करता है। सरकार को यह निर्णय तुरंत वापस लेना चाहिए और नए सत्र के लिए पुस्तकों की छपाई की प्रक्रिया शुरू की जाए। अगर विभाग अपने निर्णय को वापस नहीं लेता तो अध्यापक आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे।

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