नजमा हत्याकांड : आरोपित सब इंस्पेक्टर से कराई घटनास्थल की निशानदेही

गर्भवती पत्नी 28 वर्षीय नजमा के हत्यारोपित रेलवे प्रोटेक्शन सेफ्टी फोर्स (आरपीएसएफ) के सब इंस्पेक्टर अफसर अली को सीआइए वन ने पांच दिन के रिमांड पर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। रविवार को पुलिस टीम आरोपित को साथ लेकर घटनास्थल पर लेकर गई और मौके की निशानदेही कराई। इसके साथ ही जगाधरी वर्कशाप रेलवे स्टेशन पर भी पुलिस टीम आरोपित को लेकर गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 11:31 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 11:31 PM (IST)
नजमा हत्याकांड : आरोपित सब इंस्पेक्टर से कराई घटनास्थल की निशानदेही
नजमा हत्याकांड : आरोपित सब इंस्पेक्टर से कराई घटनास्थल की निशानदेही

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

गर्भवती पत्नी 28 वर्षीय नजमा के हत्यारोपित रेलवे प्रोटेक्शन सेफ्टी फोर्स (आरपीएसएफ) के सब इंस्पेक्टर अफसर अली को सीआइए वन ने पांच दिन के रिमांड पर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। रविवार को पुलिस टीम आरोपित को साथ लेकर घटनास्थल पर लेकर गई और मौके की निशानदेही कराई। इसके साथ ही जगाधरी वर्कशाप रेलवे स्टेशन पर भी पुलिस टीम आरोपित को लेकर गई। यहां आरोपित ने अपने चचेरे भाई असलम व उसके दो अन्य साथियों के साथ पत्नी की हत्या करने की योजना बनाई थी। अब पुलिस टीम आरोपित को उसके पैतृक गांव में भी लेकर जाएगी।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुराबादाबाद जिले के गांव जाफराबाद निवासी अफसर अली यहां आरपीएसएफ नौवीं वाहिनी जगाधरी वर्कशाप में एसआइ के पद पर तैनात था। जनवरी माह में उसका तबादला झारखंड हो गया था। इसके बाद भी वह यहां पत्नी नजमा के साथ पृथ्वीनगर कालोनी में किराये के मकान में रह रहा था। आरोपित का पत्नी के साथ विवाद रहता था। कई बार उसकी शिकायत भी नजमा थाने में कर चुकी थी। जिस पर उसने पत्नी की हत्या करने की योजना बनाई। यह सड़क हादसा लगे। इसके लिए गाड़ी से पत्नी को टक्कर मारने के लिए अपने चचेरे भाई असलम को साथ लिया। साजिश के तहत वह 24 सितंबर की रात करीब नौ बजे खाना खाने के बाद पत्नी नाजमा के साथ रेलवे अंडरपास के पास सैर करने के लिए गया। तभी स्कार्पियो कार ने पीछे से नजमा को टक्कर मारी। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हुई थी। अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। स्वजनों ने इस मामले में अफसर अली पर ही हत्या कराने का शक जताया। इसके आधार पर ही पुलिस ने केस में हत्या की धारा इजाद की और मामले की जांच सीआइए वन को दी। सीआइए वन के इंचार्ज राकेश मटोरिया ने बताया कि जब केस की तफ्तीश शुरू की गई, तो उस गाड़ी का नंबर मिल गया। जिससे घटना हुई थी। जब नंबर के आधार पर जांच की, तो यह अफसर अली के ही रिश्तेदार के नाम पर थी। इससे ही शक गहराया। कई अन्य सबूत भी जुटाए। इसके बाद ही आरोपित को गिरफ्तार किया गया।

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