सुविधाओं का टोटा, अव्यवस्थाओं से परेशान कालोनीवासी बोले मेयर व पार्षद केवल आश्वासन देते हैं, यहां आकर नहीं देखते हमारे हालत

यमुनानगर-जगाधरी की 69 कालोनियां नगर निगम के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का शिकार हैं। इन कालोनियों में सत्ता व विपक्ष के नेता केवल चुनाव के दिनों में आते हैं। जीत के बाद इस एरिया का रास्ता भूल जाते हैं। प्रभावित लोग अधिकारियों से ज्यादा सत्तापक्ष से नाराज हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 05:26 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 05:26 AM (IST)
सुविधाओं का टोटा, अव्यवस्थाओं से परेशान कालोनीवासी बोले  मेयर व पार्षद केवल आश्वासन देते हैं, यहां आकर नहीं देखते हमारे हालत
सुविधाओं का टोटा, अव्यवस्थाओं से परेशान कालोनीवासी बोले मेयर व पार्षद केवल आश्वासन देते हैं, यहां आकर नहीं देखते हमारे हालत

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यमुनानगर-जगाधरी की 69 कालोनियां नगर निगम के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का शिकार हैं। इन कालोनियों में सत्ता व विपक्ष के नेता केवल चुनाव के दिनों में आते हैं। जीत के बाद इस एरिया का रास्ता भूल जाते हैं। प्रभावित लोग अधिकारियों से ज्यादा सत्तापक्ष से नाराज हैं। कच्ची गलियां व उगी हुई झाड़ियां यहां पर बदहाली की गवाही दे रही है। आबाद होने के 30 साल बाद भी इन कालोनियों में हालात नहीं सुधरे। शहर का हिस्सा होने के बावजूद गांव से भी बदतर यहां के हालत है। मेयर, पार्षद, विधायक व सांसद को बार-बार गुहार लगाने के बावजूद केवल आश्वासन ही मिलता है। यहां पर विकास केवल फाइलों तक सिमटा हुआ है। डेढ़ लाख से अधिक लोग इस बदहाली का शिकार हैं। फोटो : 23 1989 से वोट ही दे रहे हैं काम कोई नहीं करवाता : मोतीबाग निवासी पंकज कुमार ने बताया कि वर्ष 1989 से उनका परिवार यहां रह रहा है। तभी से देख रहे कि हर बार नेता चुनाव के दिनों में कालोनी में खूब आते हैं। बड़े-बडे़ दावे कर जाते हैं। पहले तो कहा जाता था कि उनकी कालोनी अवैध है। जिस कारण विकास कार्य नहीं हो सकते, लेकिन अब दो साल से ज्यादा का समय कालोनी को वैध हुए हो गया। उसके बाद भी यहां पर विकास कार्य नहीं हो रहे। न तो अधिकारी उनकी बात सुन रहे और नहीं मेयर, पार्षद व अन्य। पता नहीं यहां के हालत कब सुधरेंगे। फोटो : 22 हमारी कोई नहीं सुनता, बहुत दिक्कत है: मायापुरी कालोनी निवासी रोहित आहुजा का कहना है कि 20 साल से इस क्षेत्र में रह रहे हैं। पहले यह एरिया पंचायत में अधीन था। 2010 में नगर निगम का गठन हो गया। पंचायत के समय में उनकी सुनवाई हो जाती थी। निगम के आने के बाद हालत ज्यादा ही बिगड़ गए। काम के लिए निगम कार्यालय जाते हैं तो अधिकारी नहीं मिलते। मिल जाए तो शिकायत को सुनते नहीं। जनप्रतिनिधियों के हालात भी ठीक नहीं है। उनकी कालोनी रादौर विधानसभा में आती है। कुछ ही दूरी पर यमुनानगर, साढौरा व जगाधरी विधानसभा से जुड़ी हुई है। उसके बाद भी यहां पर विकास कार्याें की ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा। दौरा करें मेयर कालोनी का : प्रभावित सर्वजीत, अमरजीत, नितीश, विशाल का कहना है कि यदि मेयर इस एरिया का दौरा करें तो उनको उनकी समस्याओं का पता चले। चुनाव जीतने के बाद मेयर मदन चौहान एक बार भी उनके एरिया में नहीं आए। चुनाव के दौरान उन्होंने विकास करवाने का दावा किया था, लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी यहां पर विकास कार्य नहीं हुए। बता दे कि जिले में 69 कालोनियों को वैध किया गया था। ये हालत हैं इस एरिया में : गलियां कच्ची हैं। निकासी के पानी से गलियों में कीचड़ हो जाता है। बरसात आने पर दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है। गलियों में झाड़ियां उग गई। झाड़ियों से जीव जंतु निकल कर घरों में घुस जाते हैं। निकासी की उचित व्यवस्था न होने से घरों में दूषित पानी जमा हो जाता है। बरसात के दिनों में हर रोज पैदल व दोपहिया वाहन सवार गिर कर चोटिल हो रहे हैं।

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