विकास के दावों को आईना दिखा रहीं कच्ची गलियां

वार्ड नंबर-8 का आंबेडकर पूरम। आबादी करीब दो हजार की। मुख्यमंत्री सांसद मंत्री विधायक व मेयर का अकसर आना लगा रहता है लेकिन कच्ची गलियों की सुध आज तक किसी ने नहीं ली। शहर का हिस्सा होने के बावजूद तीन मुख्य गलियां और उससे जुड़ी दर्जनों अन्य गलियों आज भी बदहाल है। बारिश होने पर लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। या फिर कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है। आरोप है कि हर स्तर पर शिकायत दिए जाने के बावजूद उनकी यह समस्या आज तक दूर नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:00 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:00 PM (IST)
विकास के दावों को आईना दिखा रहीं कच्ची गलियां
विकास के दावों को आईना दिखा रहीं कच्ची गलियां

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वार्ड नंबर-8 का आंबेडकर पूरम। आबादी करीब दो हजार की। मुख्यमंत्री, सांसद, मंत्री, विधायक व मेयर का अकसर आना लगा रहता है, लेकिन कच्ची गलियों की सुध आज तक किसी ने नहीं ली। शहर का हिस्सा होने के बावजूद तीन मुख्य गलियां और उससे जुड़ी दर्जनों अन्य गलियों आज भी बदहाल है। बारिश होने पर लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। या फिर कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है। आरोप है कि हर स्तर पर शिकायत दिए जाने के बावजूद उनकी यह समस्या आज तक दूर नहीं हुई। आंबेडकर भवन में होते हैं बड़े आयोजन

दरअसल, कालोनी में बने आंबदेकर भवन में बड़े आयोजन होते हैं। गत वर्ष सीएम मनोहर लाल, सांसद रतन लाल कटारिया सहित बड़े नेता आंबदेकर भवन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी यहां आ चुके हैं। हर बार कालोनीवासियों को तो मिला, लेकिन गलियों की व्यवस्था में सुधार नहीं आया। कालोनी में सीवरेज, बिजली-पानी की व्यववस्था दुरुस्त है। बस गलियों कच्ची होने के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही है। आसपास घास-फूंस व झाड़ियां उगी हुई हैं। जहरीले जीव-जंतु घरों में घुस जाते हैं। कालोनी से कचरा भी नियमित रूप से नहीं उठता। यह बोले कालोनीवासी

डा. भीमराव आंबदेकर चेरिटेबल सोसाइटी के प्रधान अमरीक सिंह, राज पाल भियाना, अमरनाथ, परमजीत सिंह दुग्गल, प्रोफेसर राजीव जायसवाल, रवि प्रकाश, प्रदीप वर्मा, निरंजन पाल शर्मा ने बताया कि वर्ष-2018 में इस कालोनी को वैध करार दे दिया गया था। उसके बाद जून-2019 में मेयर स्वयं कालोनी में आए थे। उनके समक्ष गलियों की समस्या मुख्य रूप से रखी गई थी। इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया था कि जल्दी ही गलियों का निर्माण प्राथमिकता के साथ करवा दिया जाएगा। उसके बाद कमिश्नर नगर निगम से भी मिले और विधायक से भी। सीएम को भी शिकायत भेजी जा चुकी है। स्थिति ज्यों की त्यों है। हर बार उनको आश्वासन दे दिया जाता है।

-----

नगर निगम अधिकारी भी क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। लेकिन सड़कों को पक्का किए जाने की योजना आज भी फाइलों तक सीमित है। पाश एरिया में कालोनी बसी हुई है, लेकिन हालात देखकर नहीं लगता कि यह कालोनी शहर का हिस्सा। बारिश होने पर हर गली में कीचड़ हो जाता है। -अमरीक सिंह, स्थानीय नागरिक ---

वर्ष-1990 में उन्होंने इस कालोनी में पहला मकान बनाया था। उसके बाद कालोनी बसती चली गई। आंबेडकर भवन में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में बड़े-बड़े नेता शिरकत करते हैं, लेकिन किसी ने आज सड़कों की दशा दिखाई नहीं दी। जल्द सड़कों का निर्माण कराया जाए।

- अमरनाथ, स्थानीय नागरिक

जब कालोनीवासी हर तरह का टैक्स अदा कर रहे हैं, तो उनको मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों रखा जा रहा है। गत दिनों सोसाइटी के पदाधिकारी व कालोनीवासी गलियां पक्की किए जाने की मांग को लेकर नगर निगम के कमिश्नर से भी मिल चुके हैं।

राजपाल भियाना, स्थनीय नागरिक -------

आंबेकदकर कालोनी में गलियां पक्की करवाए जाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वाकई कालोनी में गलियों की हालत खराब है। इस बारे जल्दी ही कमिश्नर से मिलेंगे और गलियों को प्राथमिकता के आधार पर पक्का करवाए जाने की मांग करेंगे।

विनोद मरवाह, पार्षद।

chat bot
आपका साथी