दो करोड़ 54 लाख की ठगी का मुख्य आरोपित पांच दिन के रिमांड पर, तिहाड़ जेल से लेकर आई पुलिस

फर्म के दस्तावेजों का प्रयोग कर अलग-अलग बैंकों से लिए लोन से करीब दो करोड़ रुपये की प्रापर्टी व लोन लेने के मामले में मुख्य आरोपित दिल्ली के रोहिणी के दीपक गोयल को प्रोडक्शन रिमांड पर लिया गया है। इकोनोमिक सेल की टीम आरोपित को दिल्ली की तिहाड़ जेल से लेकर आई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:13 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:13 AM (IST)
दो करोड़ 54 लाख की ठगी का मुख्य आरोपित पांच दिन के रिमांड पर, तिहाड़ जेल से लेकर आई पुलिस
दो करोड़ 54 लाख की ठगी का मुख्य आरोपित पांच दिन के रिमांड पर, तिहाड़ जेल से लेकर आई पुलिस

संवाद सहयोगी, जगाधरी : फर्म के दस्तावेजों का प्रयोग कर अलग-अलग बैंकों से लिए लोन से करीब दो करोड़ रुपये की प्रापर्टी व लोन लेने के मामले में मुख्य आरोपित दिल्ली के रोहिणी के दीपक गोयल को प्रोडक्शन रिमांड पर लिया गया है। इकोनोमिक सेल की टीम आरोपित को दिल्ली की तिहाड़ जेल से लेकर आई है। आरोपित करीब एक साल से ठगी के अन्य मामलों में जेल में बंद था। जांच अधिकारी एसआइ जनक राज ने बताया कि आरोपित पर दिल्ली में 14 मामले ठगी के दर्ज हैं। उन्हीं में वह जेल में बंद था। यहां पर सेक्टर 17 के अभिषेक की शिकायत पर आरोपित दीपक गोयल व उसके चार-पांच साथियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इसमें ही उसे रिमांड पर लिया गया है। उसके अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।

दरअसल, सेक्टर 17 निवासी अभिषेक ने सत्यम इंडस्ट्रीज के नाम से वर्ष 2014 में मनोज ढींगरा के साथ मिलकर दामला में फैक्ट्री लगाई थी। उस समय बतौर पार्टनर उन्होंने फर्म के लिए पंजाब नेशनल बैंक माडल टाउन से लोन लिया था। जिसे बाद में चुका दिया था। इसके बाद फर्म को पंजाब में शिफ्ट कर दिया गया। वहां का जीएसटी नंबर लेकर कार्य शुरू कर दिया था। इस दौरान वह दीपक से मिला था। आरोपित ने बताया कि वह कम ब्याज दर पर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट से लोन उपलब्ध कराता है। उसका केयर आफ मनो इंटरप्राइजेज के नाम से गाजियाबाद में कार्यालय था। कुछ दिनों बाद दीपक का फोन आया और उसने कहा कि एक नई कंपनी बाजार में आई है। वह कम ब्याज पर लोन दे रही है। आरोपित ने उनकी फैक्ट्री में विजिट करने की बात कही। कुछ दिनों बाद वह दीपक, गाजियाबाद निवासी मनोज व राजीव उनकी फैक्ट्री में आए। फैक्ट्री के फोटोग्राफ लिए और उनके दस्तावेज लिए। जल्द ही लोन के लिए कुछ पैसा भी दीपक के खाते में ट्रांसफर किया। काफी समय बीतने के बाद भी जब लोन नहीं हुआ और दीपक से भी संपर्क नहीं हुआ। तब उस पर शक हुआ। जिस पर वर्ष 2019 में सत्यम इंडस्ट्रीज के नाम से बनाई गई फर्म का जीएसटी नंबर विभाग को सरेंडर कर दिया, क्योंकि दस्तावेजों का दुरुपयोग होने का खतरा था। सिबल स्कोर चेक करने पर लगा था ठगी का पता :

पुलिस के मुताबिक, जब अभिषेक ने बैंक का सिबल स्कोर चेक किया, तो पता लगा कि अलग-अलग बैंकों से करीब 54 लाख रुपये उनके दस्तावेजों पर निकाले गए हैं। इसके अलावा करीब दो करोड़ रुपये की प्रापर्टी, कार आदि सत्यम इंडस्ट्रीज के नाम से दिखाई जा रही है। आरोपित दीपक ने अपने साथियों के साथ मिलकर नोएडा के कोटक महेंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक से भी सत्यम इंडस्ट्रीज के नाम से लोन लिया गया था। अब वहां से अभिषेक के पास काल आ रही थी। इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कर रही थी। जांच में सामने आया था कि दीपक, मनोज, राजीव, भिवानी निवासी पवन गर्ग व मासूम गर्ग ने मिलकर यह ठगी की है। इसके बाद से ही पुलिस आरोपितों की तलाश में लगी थी।

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