बड़े बाबू पर मेहरबान, रेहड़ी वालों पर जोर दिखाकर चुप बैठ गए अधिकारी
दो दिन अतिक्रमण करने वाले रेहड़ी वालों पर कार्रवाई करने के बाद नगर निगम के अधिकारी चुप बैठ गए हैं। इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि सड़कों पर बाजारों में अतिक्रमण ने पांव पसार लिए हैं। अतिक्रमण से लोग परेशान हैं। इस कार्रवाई से अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग गया है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दो दिन अतिक्रमण करने वाले रेहड़ी वालों पर कार्रवाई करने के बाद नगर निगम के अधिकारी चुप बैठ गए हैं। इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि सड़कों पर बाजारों में अतिक्रमण ने पांव पसार लिए हैं। अतिक्रमण से लोग परेशान हैं। इस कार्रवाई से अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग गया है। क्योंकि उन्होंने एक भी बड़े दुकानदार या शोरूम संचालक पर अतिक्रमण फैलाने के लिए कार्रवाई नहीं की। लोगों का कहना है कि बड़े दुकानदार अधिकारियों के जानकार हैं। इसलिए उन पर कार्रवाई नहीं की जाती। सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। कागजी साबित हो रही कमेटियां
सड़कों को कब्जा मुक्त करने के लिए निगम की ओर से गत दिनों कमेटियों का गठन भी किया जा चुका है। इनमें एक कमेटी अस्थाई अतिक्रमण हटाने और दूसरी कमेटी स्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए बनाई थी। इन कमेटियां नगर निगम क्षेत्र में स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों को समाधान करना है। साथ ही अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर सड़कों व निगम की जमीनों को कब्जा मुक्त करना है। अस्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए बनाई गई कमेटी में संबंधित मुख्य सफाई निरीक्षक, संबंधित सफाई निरीक्षक, संबंधित सहायक सफाई निरीक्षक व संबंधित सफाई दरोगा को शामिल किया गया है। स्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए संबंधित सहायक नगर योजनाकार, संबंधित भवन निरीक्षक, सहायक भूमि शाखा, पटवारी, भवन लिपिक को शामिल किया गया है। जाम की जद में रहता रादौर रोड बाजार :
पुराना रादौर रोड पर सबसे पुरानी शहर की मार्केट है। यहां अधिकतर थोक विक्रेता है। इन विक्रेताओं को ज्यादातर सामान दुकान के आगे सड़क किनारे रखा रहता है। इसके अलावा दुकानदार अपने वाहन भी अपनी दुकानों के आगे खड़ा कर देते है। ऐसे में सड़क के काफी हिस्से पर अतिक्रमण रहता है। वहीं, दिन में ग्रामीण इलाकों से ट्रैक्टर ट्रालियों, ट्रक व अन्य वाहनों में सामान लेने आते हैं। जोकि अपने वाहनों को सड़क पर खड़ा कर सामान लोड करते हैं। ऐसे में यदि सड़क से कोई कार या अन्य वाहन निकलता है तो रोड पर जाम लग जाता है। रोड पर दिनभर यह स्थिति बनी रहती है। यहां भी कार्रवाई की जरूरत :
रेलवे स्टेशन रोड, खेड़ा बाजार, रादौर रोड, जगाधरी वर्कशाप रोड, जगाधरी का रेलवे बाजार, देवी भवन बाजार, पत्थरों वाला बाजार, खेड़ा चौक सहित अन्य कई जगह सड़क पर दुकानदारों का कब्जा है। यहां तक कि नगर निगम कार्यालय जगाधरी के सामने सड़क पर ही रेहड़ी वालों का कब्जा है। शहरवासी निर्मल, राजेश और संदीप का कहना है कि सड़कों पर सामान रखा होने के कारण पहले ही संकरी सड़कें और भी संकरी हो जाती हैं। रही कसर किनारों पर खड़े आड़े-तिरछे वाहन पूरी कर देते हैं।वाहनों को इस प्रकार खड़ा करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। यहां से पैदल निकलना भी मुश्किल :
शहर का अतिव्यस्त मीराबाई बाजार में अतिक्रमण की चपेट में हैं। गाड़ी निकलना तो दूर की बाइक निकालना मुश्किल है। निगम कार्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित इस बाजार से अतिक्रमण हटवाने की जहमत निगम अधिकारियों द्वारा नहीं उठाई जा रही है। दुकानदारों ने सड़क पर ही सामान सजाया हुआ है। कई जगह पक्का अतिक्रमण भी है। मीरा बाजार व सदर बाजार में करीब 500 दुकानें है। इस बाजार में न केवल शहर बल्कि आसपास के गांवों से भी भारी संख्या में ग्राहक सामान खरीदने के लिए आते हैं। बाजार में पक्की दुकानें बनी हुई है। शाम के समय तो भीड़ इतनी अधिक होती है कि पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
समय-समय पर कार्रवाई की जाती है :
शहर के बाजारों में अतिक्रमण को लेकर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। इस संबंध में दुकानदारों को भी हिदायत दी हुई है। शहर में जहां भी अतिक्रमण है, उसे हटवाया जाएगा। दुकानदार स्वयं अपना सामान उठा लें।
अजय सिंह तोमर, कमिश्नर, नगर निगम।