विभाग को नहीं मिल रहे आयुष्मान के पात्र, तीन साल में आधे के ही बने गोल्डन कार्ड

आयुष्मान योजना के पात्रों को तलाशना स्वास्थ्य विभाग के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ है। योजना को तीन साल से ज्यादा हो गए है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 06:11 AM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 06:11 AM (IST)
विभाग को नहीं मिल रहे आयुष्मान के पात्र, तीन साल में आधे के ही बने गोल्डन कार्ड
विभाग को नहीं मिल रहे आयुष्मान के पात्र, तीन साल में आधे के ही बने गोल्डन कार्ड

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

आयुष्मान योजना के पात्रों को तलाशना स्वास्थ्य विभाग के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ है। योजना को तीन साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अभी तक सभी पात्रों के गोल्डन कार्ड नहीं बन सके। जिले में चार लाख 24 हजार 50 आयुष्मान कार्ड धारक हैं। इनमें से अभी तक दो लाख पात्रों के ही कार्ड बन सके हैं। इनमें भी दस हजार पात्रों के कार्ड अभी मार्च माह में लगाए गए कैंपों में बने हैं। अब एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लगाए जा रहे कैंपों का समय बढ़ाया है। पूरे अप्रैल माह में यह कैंप लगाए जाएंगे। विशेषकर उन गांवों पर फोकस रहेगा। जहां पर एक भी पात्र का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है।

सिविल सर्जन डा. विजय दहिय ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने की दिशा में गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। आशा वर्कर व वीएलई को इस कार्य में लगाया गया है। गांवों में भी कैंप लगाए जा रहे हैं। जल्दी ही लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।

वर्ष 2018 में आयुष्मान योजना जिले में शुरू हुई। वर्ष 2011 के सर्वे के आधार पर 94 हजार 265 परिवारों को पात्र माना गया। इसके हिसाब से चार लाख 24 हजार 50 लोगों के कार्ड बनाए जाने थे। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि हर सीएचसी व सीएससी पर आयुष्मान कार्ड बनवाए जा सकते हैं। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि सभी पात्रों के आयुष्मान कार्ड बन जाए। इसके बावजूद यह अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है।

यह भी आ रही दिक्कत

जनगणना के आधार पर जिन पात्रों का चयन किया गया। उस समय दिए गए मोबाइल नंबर व पते भी बदल चुके हैं। जिससे इन पात्रों को तलाशने में दिक्कत आ रही है। पात्रता के बारे में पीएमजे डॉट जीओवी डॉट इन साइट पर पता लगाया जा सकता है। आयुष्मान योजना में लाभार्थियों के नामों में गड़बड़ी भी मिली है। यदि कोई पहले से आयुष्मान लाभार्थी है, तो उस परिवार में जन्मे नए बच्चे या नवविवाहित वधु का नाम जोड़ा जा सकता है। यदि किसी के नाम में कोई त्रुटि है, तो उसे भी ठीक कराया जा सकता है।

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