जगाधरी में ठेकेदार ने नाले में छोड़ दिया मलबा, मौके पर पहुंचे मेयर हुए नाराज

ठेकेदार व अधिकारियों को निर्देश दिए कि नाले से मलबा साफ किया जाए और गुणवत्ता का विशेष रूप से ख्याल रखा जाए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 04:55 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 04:55 AM (IST)
जगाधरी में ठेकेदार ने नाले में छोड़ दिया मलबा, मौके पर पहुंचे मेयर हुए नाराज
जगाधरी में ठेकेदार ने नाले में छोड़ दिया मलबा, मौके पर पहुंचे मेयर हुए नाराज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

स्लैब डालने के बाद नाले से मलबा न निकाले जाने की शिकायत पर मेयर मदन चौहान व नगर निगम के अधिकारियों ने निर्माणाधीन नाले का निरीक्षण किया। उन्होंने ठेकेदार व अधिकारियों को निर्देश दिए कि नाले से मलबा साफ किया जाए। गुणवत्ता का विशेष रूप से ख्याल रखा जाए। बता दें कि जगाधरी से निकल रहे गंदे पानी के नाले को नगर निगम की ओर से 2.93 करोड़ की लागत से कवर किया जा रहा है। यहां से गुजर रहा नाला

जगाधरी से गंदे पानी की निकासी के लिए एक बड़ा नाला जगाधरी की विभिन्न कालोनियों से होकर हुडा सेक्टर-17 से होते हुए जिमखाना क्लब, प्रोफेसर कालोनी, माडल टाउन, टैगोर गार्डन, लाजपत नगर, विजय कालोनी, कैंप, पुराना हमीदा से होते हुए आगे जा रहा है। जगाधरी के जय प्रकाश चौक से हुडा सेक्टर 17 के स्वामी विवेकानंद स्कूल तक इस नाले को ऊंचा उठाकर इसे कवर किया जा रहा है। दो करोड़ 93 लाख की लागत से यह निर्माण कार्य किया जा रहा है। कुछ लोगों ने मेयर को शिकायत की थी कि ठेकेदार द्वारा स्लैब डालने के बाद नाले से पर्याप्त मात्रा में मलबा नहीं निकाला जा रहा है। सोमवार को नगर निगम मेयर मदन चौहान, एक्सईएन रवि ओबरॉय, एमई मृणाल जैयसवाल, वार्ड नंबर सात के पार्षद राम आसरे व अन्य अधिकारियों के साथ कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने हुडा सेक्टर 17 एरिया में नाले के निर्माण कार्य की गहनता से जांच की। मेयर ने खुद नाले पर डाली जा रही स्लैब व नाले की दीवारों की गुणवत्ता जांची। नाले के अंदर कुछ ईंटें व मलबा मिला। जिसे निकालने के लिए ठेकेदार व अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

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