माइनस में उठ रहे टेंडर, क्वालिटी से समझौता, उठ रहे सवाल

जागरण संवाददाता यमुनानगर नगर निगम एरिया में हो रहे विकास कार्यों के टेंडर माइनस में उठ रहे हैं। प्रतिस्पर्धा के चलते अनुमानित लागत से 30-40 फीसद कम में एजेंसियां उठा रही हैं। ऐसे में लागत बेशक घट रही हो लेकिन क्वालिटी पर सवाल उठ रहे हैं। एक नहीं बल्कि अधिकांश कार्यों में ऐसा ही देखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 07:13 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 07:13 AM (IST)
माइनस में उठ रहे टेंडर, क्वालिटी से समझौता, उठ रहे सवाल
माइनस में उठ रहे टेंडर, क्वालिटी से समझौता, उठ रहे सवाल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम एरिया में हो रहे विकास कार्यों के टेंडर माइनस में उठ रहे हैं। प्रतिस्पर्धा के चलते अनुमानित लागत से 30-40 फीसद कम में एजेंसियां उठा रही हैं। ऐसे में लागत बेशक घट रही हो, लेकिन क्वालिटी पर सवाल उठ रहे हैं। एक नहीं बल्कि अधिकांश कार्यों में ऐसा ही देखा जा रहा है। गत दिनों विधायक स्वयं घटिया किस्म टाइलों का मामला उठा चुके हैं। इसके अलावा जगाधरी में सीनियर डिप्टी मेयर ने स्लैब में चार की बजाय तीन सूत का सरिया डाले जाने के मामले में ठेकेदार व निगम कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं। वहीं, जगाधरी में पिछले दिनों लगाई गई इंटरलाकिग टाइलें तीन दिन पहले ही जमीन में धंस गई। ऐसे ही अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर निर्माण कार्यों में धांधली हो रही है परंतु कार्रवाई किसी पर नहीं हो रही। अधिकारी भी अपनी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं करते। इनसेट

ऐसे समझिए

नगर निगम एरिया में विकास कार्यों के लिए एक के बाद एक टेंडर लग रहा है। मान लीजिए टेंडर में किसी विकास कार्य की अनुमानित लागत 10 लाख रुपये है वह टेंडर सात-आठ लाख रुपये तक उठ जाता है। इसमें सिक्योरिटी व टैक्स भी शामिल हैं। यदि सुविधा शुल्क भी जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा और गिर जाता है। जानकारों का कहना है कि ठेकेदार या संबंधित एजेंसी 10 लाख के उसी काम को पांच-छह लाख रुपये में पूरा करके दे देते हैं। इतना ही नहीं नगर निगम अधिकारी काम के दौरान निरीक्षण करने की जहमत नहीं उठाते। बाद में क्षेत्र के लोग या जन प्रतिनिधि गुणवत्ता पर सवाल उठाते हैं। इनसेट

यहां मिली चुकी अनियमितताएं

गत दिनों विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने शहर में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान मेयर हाउस के सड़क के चौड़ीकरण में प्रयोग की जा रही टाइलें घटिया किस्म की मिली। इससे पहले जब्बीवाला गुरुद्वारा के पास ऐसा ही मामला संज्ञान में आ चुका है। इस दौरान निगम के अधिकारियों पर भी गाज गिरी थी। जगाधरी में सरस्वती स्कूल के पास गत माह सड़क की साइडों में टाइलें बिछाई गई थी। यह भी कई जगह धंस चुकी हैं। मामले की शिकायत सीएम विडो पर भी दी जा चुकी है। इनसेट

अधिकारियों की होती मिलीभगत

पार्षद विनोद मरवाह व निर्मल चौहान का कहना है कि यह मामला यह मामला हम कई बार उठा चुके हैं। शहर में चल रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार मनमाने ढंग से काम करते हैं। पार्षद विनोद मरवाह ने बताया कि गत माह माडल टाउन की सड़क के चौड़ीकरण में प्रयोग की जा रही टाइलों की शिकायत निगम अधिकारियों को दी थी। लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई। इनसेट

सभी ठेकेदारों को स्पष्ट तौर पर हिदायत दी हुई है कि विकास कार्यों में गुणवत्ता के साथ समझौता न करें। बेहतर क्वालिटी की निर्माण सामग्री ही प्रयोग करें। जल्दी ही निगम कार्यालय में गुणवत्ता की जांच के लिए मशीन स्थापित करवाई जा रही है।

अजय सिंह तोमर, कमिश्नर, नगर निगम।

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