बूंदाबांदी के बाद तापमान में गिरावट, गर्मी से राहत
क्षेत्र में हुई बूंदाबांदी के बाद तापमान में गिरावट आई है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : क्षेत्र में हुई बूंदाबांदी के बाद तापमान में गिरावट आई है। अधिकतम तापमान 35 व न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय जिले के विभिन्न हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हुई। दोपहर तक बादल छाए रहे। उसके बाद धूप निकली। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। सोमवार को भी बूंदाबांदी हो सकती है। जिसके चलते तापमान में और भी गिरावट की संभावना जताई जा रही है। इस दौरान अधिकतम 32 व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। इस तरह रहेगा उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक सोमवार को अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस रहेगा। मंगलवार को अधिकतम 35 व न्यूनतम 23, बुधवार को अधिकतम 32 व न्यूनतम 24, वीरवार को अधिकतम 33 व न्यूनतम 24 शुक्रवार को मंगलवार को 33 व न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इस दौरान बूंदाबांदी भी हो सकती है। फसल के लिए फायदेमंद
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. जसविद्र सैनी का कहना है कि आगामी दिनों में मौसम परिवर्तनशील रहेगा। मौसम का रुख देखकर ही फसलों पर कीटनाशक या अन्य दवाइयों का छिड़काव करें। बूंदाबांदी व तापमान में गिरावट फसलों को फायदेमंद है। गन्ना व चारे की फसलों को फायदा होगा। यदि बारिश होती है तो सिचाई की समस्या दूर हो जाएगी। जो किसान धान की रोपाई की तैयारी कर रहे हैं, उनको भी अधिक परेशानी नहीं होगी। बूंदाबांदी में ही बना दी सड़क
सुबह के समय शहर में बूंदाबांदी हुई। बादल भी छाए रहे, लेकिन सड़क वर्कशाप रोड का निर्माण जारी रहा। ऐसे में क्षेत्र के लोग गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि बूंदाबांदी के दौरान बनाई गई सड़क अधिक समय तक नहीं टिक पाएगी। अब तक अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब मौसम खराब होने पर सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। निकासी न होने से जयमल कालोनी में जलभराव
संवाद सहयोगी, साढौरा: निकासी की व्यवस्था न होने के कारण जयमल कालोनी में जलभराव की समस्या से कालोनीवासी परेशान हैं। विनीत कपूर, प्रज्ज्वल शर्मा, अरुण व दीपक ने बताया कि विकास से वंचित जयमल कालोनी में बारिश के पानी की निकासी के लिए नालियों की समुचित व्यवस्था नहीं है। मामूली बरसात होने पर ही इस कालोनी से पानी की निकासी नहीं हो पाती है। नतीजन यह पानी गलियों में फैलने के अलावा खाली प्लाटों में भर जाता है। जिसके कारण यहां गंदगी व बदबू हो जाती है। यही नहीं गलियों में जमा पानी के कारण आवाजाही नहीं हो पाती है। प्लाटों में खड़े पानी से मच्छर पैदा होने से बीमारियां फैलने का अंदेशा रहता है।