यूएलबी से नोटिफिकेशन मंगवाकर दूर की जाएगी एनडीसी पोर्टल की तकनीकी समस्याएं : मेयर

यूएलबी के एनडीसी पोर्टल पर आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:09 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:09 AM (IST)
यूएलबी से नोटिफिकेशन मंगवाकर दूर की जाएगी एनडीसी पोर्टल की तकनीकी समस्याएं : मेयर
यूएलबी से नोटिफिकेशन मंगवाकर दूर की जाएगी एनडीसी पोर्टल की तकनीकी समस्याएं : मेयर

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यूएलबी के एनडीसी पोर्टल पर आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए नगर निगम की ओर से मेयर हाउस में जनता दरबार लगाया गया। इसमें मेयर मदन चौहान ने प्रापर्टी आइडी अपडेट करने, प्रापर्टी टैक्स व डेवलपमेंट चार्ज व फाइल ट्रांसफर करने समेत विभिन्न समस्याएं सुनी। मेयर मदन चौहान ने शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग के सीटीपी केके वारसने के साथ वर्चुअल व चीफ इंजीनियर अशोक राठी, उप निगम आयुक्त विनोद नेहरा, उप निगम आयुक्त अशोक कुमार व एटीपी प्रवेश कोशिश के साथ बातचीत कर समाधान करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने शहरवासियों को 15 से 20 कार्य दिवस में प्रापर्टी संबंधित फाइल प्रक्रिया पूरी करने व तकनीकी समस्याओं का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। बैठक में सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा, डिप्टी मेयर रानी कालड़ा, जेडटीओ अजय वालिया व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान प्रापर्टी डीलरों व अधिकारियों के बीच कहासुनी भी हुई। निगम अधिकारी प्रापर्टी डीलरों के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। पार्षद विनोद मरवाह ने कहा कि यदि जल्दी ही समस्याओं का समाधान न हुआ तो जल्दी ही शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज से मिलेंगे।

दरबार में शहरवासी ललित गुप्ता, एडवोकेट किशोर, आकाश बंसल, विकास, राजकुमार, रमेश चौहान, विरेंद्र वधावन ने कहा कि यूएलबी की साइट पर आनलाइन प्रापर्टी टैक्स व डेवलपमेंट चार्ज जमा करवाने के बाद भी देय राशि साइट पर दिखाई देती रहती है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। टैक्स व चार्ज जमा करवाने के बाद देय राशि शुन्य दिखाई देनी चाहिए और उसी दिन अपडेट करके एनडीसी जारी की जाए। नगर निगम कार्यालय में नई प्रापर्टी आइडी बनवाने व प्रापर्टी ट्रांसफर से संबंधित फाइल पर अधिकारियों के साइन करवाने में कई कई दिन लग जाते है। एक अधिकारी के पास से दूसरे अधिकारी तक फाइल पहुंचने में काफी समय लगता है। इस व्यवस्था को ठीक किया जाए। शहर के पुराने मोहल्ले व अप्रुवड एरिया में डेवलपमेंट चार्ज नहीं लगना चाहिए। व्यवसायिक व रिहायशी का डवलपमेंट चार्ज फिक्स किया जाए। 15 से 20 साल पुराने प्लाटों की रजिस्ट्री होनी चाहिए। बड़े प्लाट में से यदि कोई 500 या इससे कम गज का प्लाट बेचना चाहे तो डवलपमेंट चार्ज केवल बेचे गए प्लाट पर लगना चाहिए। अससमेंट आवेदन करने के बाद उसी दिन जारी होनी चाहिए। मेयर मदन चौहान ने इन समस्याओं पर शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग के सीटीपी केके वारसने व निगम अधिकारियों के साथ चर्चा कर समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि 15 से 20 दिन के भीतर प्रॉपर्टी आईडी व प्रॉपर्टी ट्रांसफर संबंधित फाइलों की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके अलावा जो तकनीकी समस्याएं है। उनकी यूएलबी से नोटिफिकेशन मंगवाकर उनका भी समाधान करवाया जाएगा।

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