मेरा मकान तो एक मंजिला है, नोटिस में तीन मंजिला कैसे दिखा दिया साहब

सर्वे के बाद एजेंसी की ओर से भेजे गए असेसमेंट नोटिस देख मालिक परेशान हैं। सर्वे करने वाली एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। खामियां दूर करवाने के लिए नगर निगम कार्यालय में तांता लगा हुआ है। किसी की प्रापर्टी किसी अन्य व्यक्ति के नाम दिखा दी तो किसी का मकान एक मंजिला होने के बावजूद तीन मंजिला दिखा दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 07:31 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:31 AM (IST)
मेरा मकान तो एक मंजिला है, नोटिस में तीन मंजिला कैसे दिखा दिया साहब
मेरा मकान तो एक मंजिला है, नोटिस में तीन मंजिला कैसे दिखा दिया साहब

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सर्वे के बाद एजेंसी की ओर से भेजे गए असेसमेंट नोटिस देख मालिक परेशान हैं। सर्वे करने वाली एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। खामियां दूर करवाने के लिए नगर निगम कार्यालय में तांता लगा हुआ है। किसी की प्रापर्टी किसी अन्य व्यक्ति के नाम दिखा दी तो किसी का मकान एक मंजिला होने के बावजूद तीन मंजिला दिखा दिया गया। हालांकि निगम के सभागार में एक कर्मचारी आपत्तियां लेने के लिए बैठा हुआ है। लेकिन यहां एक अनाज सौ बीमार वाली स्थिति बनी हुई है। ऐसे संपत्ति मालिकों की संख्या कम नहीं है जिनका पूरा दिन यहीं कट रहा है। इसके बावजूद खामी दूर नहीं हो पा रही है। एजेंसी पर लग रहे गंभीर आरोप :

नगर निगम के सभी 22 वार्डों में एजेंसी की ओर से सर्वे किया गया है। सर्वे में साढ़े 12 हजार प्रापर्टी बढ़ी हैं। पहले एक लाख 66 हजार प्रापर्टी थी। अब हुए सर्वे में बढ़कर एक लाख 78 हजार 795 हो गई हैं। सर्वे के बाद एजेंसी की ओर से संपत्ति मालिकों को असेसमेंट नोटिस भेजे जा रहे हैं। पार्षदों के मुताबिक आधे से अधिक नोटिस ऐसे हैं जिनमें इस तरह की खामियां सामने आ रही हैं। सर्वे करने वाली एजेंसी पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। जन प्रतिनिधियों का कहना है कि सर्वे के दौरान लापरवाही बरती गई है। हर संपत्ति मालिक से संपर्क नहीं किया गया। बल्कि कर्मचारियों ने एक जगह बैठकर जानकारी जुटाई। यदि गंभीरता से सर्वे किया होता तो शायद इस तरह की खामियां सामने न आती। कसूरवारों पर हो कार्रवाई :

वार्ड 20 से पूर्व पार्षद नीरज राणा का कहना है कि एजेंसी की ओर से किए सर्वे के आधार पर भेजे गए असेसमेंट नोटिसों में गलतियां सामने आ रही हैं। नागरिक परेशान हैं। बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद उनकी आपत्तियों को दूर नहीं किया जा रहा है। इस मामले की गहनता से जांच की जानी चाहिए। कसूरवार कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। क्योंकि किसी न किसी स्तर पर लापरवाही जरूर बरती गई है। एजेंसी पर मेहरबानी न बरती जाए। जन प्रतिनिधियों व नगर निगम के उच्चाधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए। किसी अन्य व्यक्ति के नाम दिखाया मकान :

प्रोफेसर कालोनी निवासी विकास गर्ग ने बताया कि उनको भेजे गए नोटिस में मकान किसी अन्य व्यक्ति के नाम दिखा दिया है। मकान प्रेक्षी गर्ग के नाम है जबकि नोटिस में किसी राकेश कुमार के नाम दिखाया गया है। परेशानी तब बढ़ गई जब शाखा के एक कर्मचारी ने राकेश के नाम का शपथ पत्र मांग लिया। हमें यही नहीं पता कि राकेश कौन है। कहां का रहने वाला है। एजेंसी कर्मियों की गलती का खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है। फोटो : 4

मकान को दिखा दिया तीन मंजिला :

जम्मू कालोनी निवासी सतनाम सिंह ने बताया कि उसको भेजे गए असेसमेंट नोटिस में मकान को तीन मंजिला दिखाया गया है। जबकि उसका मकान एक मंजिला है। निगम कार्यालय में हर दिन भारी संख्या में ऐसे लोग पहुंच रहे हैं।

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दो दिन से लगा रही चक्कर :

हमीदा कालोनी की रजनी ने बताया कि उनको भेजे गए नोटिस में टैक्स किसी और के नाम दिखाया गया है। जबकि प्रापर्टी उसके नाम है। दो दिन पहले भी निगम कार्यालय में आई थी। लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है। आज भी सुबह से बैठी हुई हूं।

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