जल पुरुष की कहानी सुन संरक्षण करने के लिए प्रेरित हुए विद्यार्थी

छछरौली के कलसिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला कार्यशाला का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों को जल संरक्षण के बारे में बताया गया। शिक्षकों ने जल पुरुष राजेंद्र सिंह के बारे में जानकारी दी। विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वो अपने आसपास रहने वाले लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:18 AM (IST)
जल पुरुष की कहानी सुन संरक्षण करने के लिए प्रेरित हुए विद्यार्थी
जल पुरुष की कहानी सुन संरक्षण करने के लिए प्रेरित हुए विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, छछरौली : छछरौली के कलसिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला कार्यशाला का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों को जल संरक्षण के बारे में बताया गया। शिक्षकों ने जल पुरुष राजेंद्र सिंह के बारे में जानकारी दी। विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वो अपने आसपास रहने वाले लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे।

यह सुनाई कहानी

शिक्षक हरविद्र कौर ने जल पुरुष राजेंद्र सिंह की कहानी रेगिस्तान को हरा भरा करने की जिद सुनाई गई। यदि जल संरक्षण नहीं किया जाएगा तो आने वाले समय में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए जल संचय करने के लिए हम सबको आगे आना पड़ेगा। विद्यार्थियों को जल संरक्षण करने की सीख दी । हम सभी को इस कार्य को करने के लिए आगे आना पड़ेगा। जितने जल की जरूरत हो उतना ही लेना चाहिए, क्योंकि यदि जल बचा रहेगा तो हमारा आने वाला कल भी बेहतर होगा।

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प्रधानाचार्य अशोक चौहान ने कहा कि जल एक ऐसा प्राकृतिक संसाधन है, जिसका कोई मोल नहीं है। जीवन के लिए जल की महता को इसी से समझा जा सकता है कि सभ्यताएं नदियों के तट पर ही विकसित हुई। अधिकांश प्राचीन नगर नदियों के तट पर ही बसे। हम न सिर्फ जल का संरक्षण करें, बल्कि उसे प्रदूषित होने से भी बचाएं। हमारे शरीर में जल की मात्रा शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दैनिक जागरण संस्कारशाला कार्यक्रम बच्चों के लिए उपयोगी है। कुछ नया सीखने को मिलता है।

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छात्रा खुशी का कहना है कि जल है तो कल है। यदि जल पर किसी तरह का संकट आता है तो जीवन पर भी संकट आना स्वाभाविक है। यदि अब भी नहीं चेते तो बाद में अफसोस करने के अलावा दूसरा और कोई विकल्प नहीं होगा। कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि अभी जल संरक्षण के लिए प्रयास नहीं किए गए तो आने वाला समय काफी खतरनाक हो सकता है। हमको अभी से जल संरक्षण करने के लिए पहल करनी होगी। फोटो : 09

छात्रा आंचल कहती है कि पानी बचाने की पहल हमें अपने घर से ही करनी होगी। जल संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है, जल की बर्बादी से मुंह मोड़ लेना भविष्य के साथ खिलवाड़ के समान होगा। दैनिक जीवन में पानी की बर्बादी बिलकुल न करें और एक-एक बूंद की बचत करें।

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छात्रा अंजुम का कहना है कि कहानी बता रही है कि जल संरक्षण कितना जरूरी है। बिना जल के हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। हमे ये नहीं सोचना कि मैं क्यों, नहीं बल्कि अपने से बचत की शुरुआत करे। हमें देखकर और लोग भी आगे आएंगे। फोटो : 11

छात्र अंकुश सैनी कहते हैं नैतिकता दिखानी चाहिए। विद्यार्थी अपने आसपास अगर जल व्यर्थ बहता देखे तो तुरंत नल बंद करे। जल संरक्षण में अपनी सहभागिता निभाए। मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की आवश्यकता है, जिस तेजी से जलस्तर नीचे गया है वह सभी के लिए चिता का विषय है। ऐसा उनको अक्सर बताया जाता है। फोटो : 12

अध्यापिका हरविद्र कौर का कहना है कि हर एक को अपने घर से ही पानी बचाने की पहल करने की पहल करनी चाहिए। कई क्षेत्रों में देखा जाता है कि पीने योग्य पानी से गाड़ी धोई जाती है, उसे बंद करने की जरूरत है, जो लोग पानी के महत्व को नहीं जानते, वहीं पानी की बर्बादी अधिक करते हैं।

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