कोरोना के संबंध में फर्जी पोस्ट करने वालों पर कड़ी निगरानी, कई लोग टारगेट पर
कोरोना के संबंध में किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह अपील की जा रही है कि वह कोई भी भ्रामक संदेश कोरोना वायरस के संबंध में पोस्ट न करें। जिले में अभी तक दो मामले ही ऐसे सामने आए हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
कोरोना के संबंध में किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह अपील की जा रही है कि वह कोई भी भ्रामक संदेश कोरोना वायरस के संबंध में पोस्ट न करें। जिले में अभी तक दो मामले ही ऐसे सामने आए हैं। जहां सोशल मीडिया पर कोरोना से संबंधित गलत पोस्ट की गई। हालांकि इनमें कोई केस दर्ज नहीं हुआ। पोस्ट करने वालों ने माफी मांग ली थी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया।
लोगों में किसी भी तरह की अफवाह न फैले। इसके लिए सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी की जा रही है। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी लगभग सभी ग्रुपों में शामिल हैं। ताकि किसी भी तरह की फर्जी पोस्ट पर नजर रखी जा सके। लिखित में मांगी माफी :
पांच दिन पहले एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी कि दुकानों के खुलने व बंद होने का समय निर्धारित किया गया है जिससे लोगों में अफरा तफरी मच गई। लोगों में सामान खरीदने की होड़ मच गई। पोस्ट करने वाले को शहर यमुनानगर पुलिस ने पकड़ा। बाद में काफी मिन्नतों और लिखित माफी के बाद चेतावनी देकर छोड़ा गया। इसके अलावा इसी पोस्ट को एक अन्य व्यक्ति ने यमुनानगर में दो पॉजीटिव केस आने का मैसेज वायरल किया। उस व्यक्ति का कहना था कि दो पुलिसकर्मी उनके पास आए थे। उन्होंने कहा था कि दो केस आए हैं, इसलिए सख्ती ज्यादा है। इसलिए यह पोस्ट कर दिया। हालांकि बाद में उन्होंने भी माफी मांग ली थी और मामला रफा दफा हो गया। कोट्स :
पुलिस प्रवक्ता चमकौर सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस के संबंध में कोई भी गलत पोस्ट करना दंडनीय अपराध है। एक गलत पोस्ट से अफवाह का माहौल बनता है। इसलिए सभी सचेत रहे। किसी भी तरह का मैसेज वायरल करने से पहले उसकी पड़ताल कर लें।