कभी तालाब ओवरफ्लो होकर गलियों में बहता था पानी, अब हो रही फसलों की सिचाई
ओवरफ्लो होकर जिन तालाबों का पानी गलियों में बहता था आज उसीसे खेतों की सिंचाई की जाती है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ओवरफ्लो होकर जिन तालाबों का पानी गलियों में बहता था, आज उससे फसलों की सिचाई हो रही है। व्यर्थ बहते जल के संरक्षण के साथ-साथ फसलों की सिचाई के लिए किसानों को निशुल्क पानी उपलब्ध हुआ है। ऐसा ग्राम पंचायत जयपुर की निर्वतमान सरपंच सुनीता देवी के प्रयासों से संभव हो पाया। तालाबों से खेतों तक पाइप लाइन दबवाकर निवर्तमान सरपंच ने जल संरक्षण का संदेश दिया है।
सुनीता देवी ने बताया कि पानी की निकासी के लिए गांव में दो तालाब हैं। दोनों अकसर पानी से भरे रहते थे। कई बार तो इनका पानी ओवरफ्लो होकर सड़क तक आ जाता था। बारिश के दिनों में परेशानी और भी बढ़ जाती थी। इस समस्या से निजात पानी के लिए दोनों तालाबों से लेकर खेतों तक पाइप लाइन बिछवाई। ताकि तालाब ओवरफ्लो न हों और इसके पानी से फसलों की सिचाई की जा सके। करीब 50 एकड़ से अधिक में तालाब के पानी से सिचाई हो रही हैं। किसान भी खुश हैं और गांव में जल भराव की समस्या से भी निजात मिल गई है।
कोई नाली खुली नहीं
पूर्व सरपंच सुनीता देवी ने बताया कि गांव में एक भी नाली खुली नहीं है। सभी नालियों को अंडरग्राउंड करवा दिया गया है, ताकि स्वच्छता को भी बढ़ावा मिले और नालियों का पानी गलियों में न बहे। गांव में जल संरक्षण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। सभी नलों पर टैब लगवाए हुए हैं। इसके अलावा ऊर्जा संरक्षण की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। गांव में 60 सोलर लाइटें लगी हुई हैं।
जल बिना जीवन नहीं
सुनीता देवी का कहना है कि जल बिना जीवन संभव नहीं है। पानी को व्यर्थ न बहनें दें। यदि समय रहते इस दिशा में आवश्यक कदम नहीं उठाए तो इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा। जल संरक्षण ऐसा अभियान है जिसमें हर आमखास के सहयोग की आहुति जरूरी है। खासतौर पर पर महिलाएं इसमें खास भूमिका निभा सकती हैं। कपड़े धोने या अन्य घरेलू कार्यों में पानी का उतना ही प्रयोग करें जितना जरूरी है।