किसी जानकार ने की है हत्या, मम्मी-पापा हर किसी के लिए दरवाजा नहीं खोलते थे

मम्मी-पापा की हत्या में किसी जानकार का हाथ हो सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 07:06 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 07:06 AM (IST)
किसी जानकार ने की है हत्या, मम्मी-पापा हर किसी के लिए दरवाजा नहीं खोलते थे
किसी जानकार ने की है हत्या, मम्मी-पापा हर किसी के लिए दरवाजा नहीं खोलते थे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

मम्मी-पापा की हत्या में किसी जानकार का हाथ हो सकता है। वह किसी भी अनजान के लिए जल्दी से दरवाजा नहीं खोलते थे, जबकि दरवाजा खुला हुआ था। कोई जानकार आया होगा, तभी दरवाजा खोला होगा। उनकी मम्मी के शरीर से सारे जेवर भी गायब हैं। कानों के कुंडल व गले से चेन खींचने के भी निशान बने हुए हैं। सोने के कड़े भी हाथों में नहीं है, जबकि कोई अन्य सामान नहीं छेड़ा गया है। यह कहना है मृतक ऋषिपाल गोयल की पुत्रवधु रेणूका गोयल का।

रेणूका ने बताया कि कोरोना की वजह से मम्मी-पापा की चिता रहती थी। इसलिए रविवार की रात को भी उनसे स्वास्थ्य को लेकर बात की थी। करीब 40 मिनट तक बात हुई थी। पिता को हल्का बुखार था। उन्हें जांच कराने के लिए कहा था। इसलिए ही सोमवार की सुबह उनका स्वास्थ्य जानने के लिए कॉल की थी। जब कई बार में कॉल नहीं उठाई, तो पहले पड़ोस की आंटी, फिर भतीजे विवेक गोयल को घर पर भेजा। उसने जब बताया कि मम्मी-पापा की हत्या कर दी गई है, तो तुरंत वहां से चल दिए।

जब मैं पहुंचा, दादा-दादी मृत पड़े थे

विवेक गोयल ने बताया कि उनके पास आंटी रेणूका का करीब साढ़े 11 बजे कॉल आया और घर जाकर दादा-दादी को देखने के लिए कहा। मैं रेलवे स्टेशन रोड पर अपनी दुकान पर था। समय अधिक लगता। इसलिए दोस्त को भी कॉल कर घर पहुंचने के लिए कहा। हालांकि मैं दोस्त से पहले पहुंच गया। दरवाजा खुला हुआ था। अंदर जाकर देखा, तो दादा व दादी मृत पड़े थे। दादी के सिर पर वार किया गया था। जिससे खून बह रहा था। दादा के मुंह पर तकिया रखा हुआ था।

किसी ने कोई आते जाते नहीं देखा

पुरानी अनाज मंडी की गली में घुसते ही मोड पर ऋषिपाल गोयल का मकान बना हुआ है। जिसमें वह पत्नी सहित रहते थे। हालांकि सड़क की ऊंचाई बढ़ने की वजह से मकान थोड़ा नीचे में आ गया है। इसके लिए गेट का पास फर्श उठाया गया है। बराबर में उनका एक और मकान है, जो बेटे के लिए अलग से बनाया था। इसमें किरायेदार रहते हैं। पड़ोसियों से लेकर बराबर में रह रहे किरायेदारों तक ने किसी को उनके पास आते जाते नहीं देखा। पड़ोसियों का कहना है कि ऋषिपाल व उनकी पत्नी से दुआ सलाम होती थी। रात को घर के अंदर जाने के बाद कोई गली में कोई बाहर नहीं आता।

तीन बेटे व एक बेटी, सभी शादीशुदा

मृतक ऋषिपाल व स्नेहलता के तीन बेटे व एक बेटी है। सभी की शादी हो चुकी है और अलग-अलग रहते हैं। दो बेटे अनमोल व अमित बच्चों के साथ हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब में रहते हैं। वहीं पर उनका स्टोन क्रशर है। जबकि एक बेटा संजीव सरस्वती कालोनी में रहता था। उसकी मौत हो चुकी है। उसके बच्चे सरस्वती कालोनी में ही रहते हैं। संजीव का बेटा विवेक रेलवे स्टेशन रोड पर करियाना की दुकान करता है।

ब्याज का भी करते थे कार्य

बताया जा रहा है कि मृतक ऋषिपाल ब्याज पर भी पैसे देने का कार्य करते थे। काफी पैसा उन्होंने दिया हुआ था। सीआइए प्रभारी राकेश मटौरिया का कहना है कि हम अलग-अलग एंगल से जांच कर रहे हैं। पारिवारिक विवाद या रंजिश सभी पहलुओं पर कार्य किया जा रहा है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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