आचार संहिता में उलझा 69 कॉलोनियों का विकास, अब लोकसभा चुनाव तक करना होगा इंतजार

नगर निगम की 69 कॉलोनियों का विकास अब आचार संहिता में उलझ गया है। ठेकेदारों ने टेंडर नहीं भरे। अब ये टेंडर लोकसभा चुनाव के बाद ही हो सकेंगे। हालांकि गत माह प्रक्रिया शुरू हो गई थी लेकिन आचार संहिता लग जाने के कारण आगे नहीं बढ़ पाई। दूसरा ठेकेदारों ने इनमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। इन कॉलोनियों में होने वाले विकास कार्यों को प्रशासनिक मंजूरी मिल गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 09:04 AM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 09:04 AM (IST)
आचार संहिता में उलझा 69 कॉलोनियों का विकास, अब लोकसभा चुनाव तक करना होगा इंतजार
आचार संहिता में उलझा 69 कॉलोनियों का विकास, अब लोकसभा चुनाव तक करना होगा इंतजार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम की 69 कॉलोनियों का विकास अब आचार संहिता में उलझ गया है। ठेकेदारों ने टेंडर नहीं भरे। अब ये टेंडर लोकसभा चुनाव के बाद ही हो सकेंगे। हालांकि गत माह प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन आचार संहिता लग जाने के कारण आगे नहीं बढ़ पाई। दूसरा, ठेकेदारों ने इनमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। इन कॉलोनियों में होने वाले विकास कार्यों को प्रशासनिक मंजूरी मिल गई थी। यह है योजना : प्रथम चरण में 22 कॉलोनियां में सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और 23 करोड़ 13 लाख रुपये खर्च किए जाने की योजना है। बाकी कॉलोनियां दूसरे फेस में कवर की जाएंगी। इनमें भी करीब 37 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। इनमें अधिकांश कॉलोनियां वार्ड नंबर-12 के अंतर्गत आने वाली हैं। सितंबर 2018 में सरकार ने प्रदेश की एक हजार कॉलोनियों को नियमित किया था। इनमें से 69 कॉलोनियां यमुनानगर-जगाधरी की हैं। इन कॉलोनियों में किए जाने वाले विकास कार्योँ को प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है। इन कॉलोनियों में होने कार्य

इन कॉलोनियों में कंबोज कॉलोनी, उषा कॉलोनी, नीलकंठ कॉलोनी, काली मंदिर एक्सटेंशन, बाबा कॉलोनी, इंदिरापुरम कॉलोनी, भागीरथ कॉलोनी, उप्पल मॉल के पीछे वाली कॉलोनी, प्यारे जी का मंदिर, गोविदगढ़ फार्म, ग्रीन विहार पार्ट-2, मां दुर्गेश्वरी कॉलोनी, सैनी फार्म, शिवपुरी कॉलोनी, ग्रीन विहार पार्ट-3, गांधी नगर, गढ़ी मुंडो, टपरियों, जैन एवैन्यू, न्यू जैन नगर, विशाल नगर-2, राजीव गार्डन, त्यागी गार्डन शामिल है। 25-30 वर्ष से बसी हैं कॉलोनियां

यमुनानगर-जगाधरी ऐसी कॉलोनियों की संख्या कम नहीं है जो 25-30 वर्ष से बसी हुई हैं। इन कॉलोनियों में स्थिति बेहद खराब है। सालों पहले आबाद हो चुकी इन कॉलोनियों में न सड़कें हैं न ही पानी निकासी की सुविधा, पेयजल व बिजली समेत दूसरी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी लोग सालों से तरस रहे हैं। बरसाती दिनों में तो इन कॉलोनियों की स्थिति बेहद खराब हो जाती है। कीचड़ व दलदल की वजह से इन कॉलोनियों में आना जाना भी मुश्किल हो जाता है। कॉलोनियों में ये समस्याएं

इन कॉलोनियों में पानी की निकासी की समस्या बड़ी है। इस समस्या के समाधान के लिए सीवर लाइन बिछाई जानी है। गलियों व नालियों की नियमित रूप से सफाई नहीं होती। कचरे का उठान नहीं होता। सड़क व गलियां कच्ची पड़ी हैं। सीवरेज लाइन न होने के कारण पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। जोहड़ गंदगी से अटे पड़े हैं। इनकी सफाई आज तक नहीं हुई है। अधिकांश गांवों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है। जो लाइटें लगी हैं, वह खराब हैं। जल्द काम होंगे शुरू

नियमित हुई सभी कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए टेंडर लग गए थे, लेकिन आचार संहिता के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। ये काम लोकसभा चुनाव के बाद ही हो सकेंगे। सभी कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं दिए जाने की योजना है।

मदन चौहान, मेयर, नगर निगम।

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